निराशाजनक विदेशी संकेतों से भारतीय शेयर बाजार में सोमवार को फिर कोहराम का आलम बना रहा और बिकवाली के भारी दबाव में सेंसेक्स पिछले सत्र के मुकाबले करीब 1,942 अंकों की गिरावट के साथ 35,635 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 538 अंकों की गिरावट के साथ 10,541 पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान सेंसेक्स 2,467 अंक लुढ़का जबकि निफ्टी में 695 अंकों की गिरावट रही। कोराना के कहर और अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम में आई गिरावट के कारण दुनियाभर के बाजारों में गिरावट दर्ज की गई जिसका असर भारतीय शेयर बाजार पर भी पड़ा।
सेंसेक्स पिछले सत्र से 1,941.67 अंकों यानी 5.17 फीसदी की गिरावट के साथ 35,634.95 पर बंद हुआ और निफ्टी 538 अंक यानी 4.90 फीसदी टूटकर 10,451.45 पर रुका।
बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) के 30 शेयरों पर आधारित प्रमुख संवेदी सूचकांक सेंसेक्स इससे पहले पिछले सत्र के मुकाबले 626.42 अंकों की गिरावट के साथ 36,950.20 पर खुला और 35,109.18 तक लुढ़का।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) के 50 शेयरों पर आधारित प्रमुख संवेदी सूचकांक पिछले सत्र के मुकाबले 247.40 अंकों की गिरावट के साथ 10,742.05 पर खुलने के बाद 10,751.55 तक चढ़ा, लेकिन बाद में बिकवाली के दबाव में दिनभर के कारोबार के दौरान 10,294.45 के निचले स्तर तक गिरा।
सेंसेक्स के सभी 30 शेयरों में गिरावट रही और सबसे ज्यादा गिरावट वाले पांच शेयरों में ओएनजीसी (16.26 फीसदी), रिलायंस (12.35 फीसदी), इंडसइंड बैंक (10.66 फीसदी), टाटा स्टील (8.23 फीसदी) और टीसीएस (6.88 फीसदी) शामिल रहे।
बीएसई मिड-कैप सूचकांक पिछले सत्र से 673.42 अंकों यानी 4.73 फीसदी की गिरावट के साथ 13,554.07 पर, जबकि स्मॉल-कैप सूचकांक 559.23 अंकों यानी 4.20 फीसदी की गिरावट के साथ 12,770.55 पर बंद हुआ।
बीएसई के सभी 19 सेक्टरों के सूचकांकों में गिरावट दर्ज की गई, जिनमें से सबसे ज्यादा गिरावट वाले पांच सेक्टरों एनर्जी (9.74 फीसदी), मेटल (7.62 फीसदी), आईटी (5.40 फीसदी), तेल एवं गैस (5.22 फीसदी) और टेक (5.13 फीसदी) शामिल रहे।