इस सावन बाबा धाम की दर्शन और पूजा ऑनलाइन
श्रावणी मेले का आयोजन इस साल नहीं होना है। ऐसे में श्रद्धालुओं को रोकने की तैयारी देवघर जिला प्रशासन भी कर रहा है।
देवघर (झारखंड) : देवघर में विश्व प्रसिद्ध श्रावणी मेले का आयोजन इस साल नहीं होने की उम्मीद है। पारंपरिक श्रावणी मेला नहीं होने की स्थिति में जिला प्रशासन ने ई-पूजा के तहत भगवान भोले के दर्शन और पूजा करने की व्यवस्था करने की योजना बनाई है। जिला प्रशासन हालांकि सावन महीने में सुरक्षा की पुख्ता व्यवस्था कर रही है।
श्रावणी मेले का आयोजन इस साल नहीं होना है। ऐसे में श्रद्धालुओं को रोकने की तैयारी देवघर जिला प्रशासन भी कर रहा है। देवघर की उपायुक्त नैन्सी सहाय ने बुधवार को आईएएनएस को बताया कि 30 जून तक वैसे भी झारखंड के सभी मंदिर बंद हैं। हालांकि उन्होंने माना कि अभी से ही बाबा मंदिर परिसर में लोगों की भीड़ जुटने लगी है।
उन्होंने कहा, “राज्य सरकार के निर्देशानुसार 30 जून तक बाबा वैद्यनाथ मंदिर परिसर में आम श्रद्धालुओं का प्रवेश पूर्णत: प्रतिबंधित है। मंदिर के बाहर में भी पूजा-पाठ करने के लिए श्रद्धालुओं को मंदिर के पास नहीं जाने दिया जा रहा है। बाहरी वाहनों के मंदिर के आसपास के क्षेत्र में प्रवेश पर रोक लगा दी गई है। बाबा मंदिर को जोड़ने वाले सभी प्रमुख मार्गो पर चेकपोस्ट बनाए गए हैं। दूसरे राज्यों से आने वाली गाड़ियों को बिना वाहन पास शहर में प्रवेश नहीं मिलेगा।”
नैन्सी ने बताया कि सावन मेले को लेकर अभी तक कोई विशेष निर्देश नहीं आया है। हालांकि संभावना है कि सावन में लोगों की भीड़ बढ़ेगी। इस कारण इसे लेकर त्रिस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था मंदिर परिसर में रहेगी।
इधर, बाबा नगरी में श्रावणी मेले का आयोजन न होने की स्थिति में राज्य सरकार इस बार सावन में देवघर और बासुकीनाथ में ई-पूजा के आयोजन की तैयारी कर रही है। पर्यटन विभाग ने इससे संबंधित प्रस्ताव तैयार किया है। प्रस्ताव मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को भेज दिया गया है।
देवघर की उपायुक्त नैन्सी सहाय कहती हैं कि अगर ई पूजा शुरू होती है तो श्रद्धालु सावन महीने के दौरान देवघर और बासुकीनाथ स्थित बाबा मंदिर में श्रद्धालु विशेष रूप से आयोजित ई-पूजा में शामिल हो सकेंगे।
ई-पूजा ऑनलाइन होगी। इसके लिए पर्यटन विभाग द्वारा अलग पोर्टल तैयार किया जाएगा, पोर्टल पर बाबा मंदिर से विशेष पूजा का लाइव प्रसारण किया जाएगा। पोर्टल पर बाबा की विशेष पूजा के लिए बुकिंग की सुविधा देने पर विचार किया जा रहा है। श्रद्धालु पोर्टल के जरिये प्रसाद भी खरीद सकेंगे तथा पोर्टल के माध्यम से ही दान-दक्षिणा भी की जा सकेगी।
सावन महीने में देवघर में प्रतिदिन एक लाख से अधिक श्रद्धालु (कांवड़िये) सुल्तानगंज से गंगाजल लेकर यहां पहुंचते हैं। सोमवार के दिन श्रद्धालुओं की भीड़ डेढ़ लाख तक पहुंच जाती है।