इन दिनों दिल्ली में सांस लेने मतलब एक दिन में 50 सिगरेटों का धुआं शरीर के अंदर लेने जैसा हो गया है। ऐसे हालात में जरूरी है कि इस घने धुएं के कंबल में घिरे लोगों में स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता फैलाई जाए। यह कहना है स्टे-हैप्पी फार्मेसी के प्रबंध निदेशक डॉ. सुजीत पॉल का। उन्होंने कहा कि डब्लूएचओ की रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर है। ऐसे दूषित वातावरण में कहीं बाहर जाकर व्यायाम या योगाभ्यास नहीं करना चाहिए। ऐसे समय में घर में ही योग करना लाभदायक होता है।
डॉ. पॉल ने कहा कि जिन लोगों को सांस लेने में तकलीफ होती है, उन्हें प्राणायाम और अनुलोम-विलोम करना चाहिए। इस दौरान सुबह की सैर की बजाय शाम की सैर बेहद लाभदायक होती है।
उन्होंने कुछ घरेलू उपचार सुझाए :
-नाक में घी के 2-4 बूंद डालने से दूषित हवा साफ होकर फेफड़े में जाती है। बेहतर परिणामों के लिए दिन में दो बार इस प्रक्रिया को दोहराएं।
-सीसा और मरकरी वायु प्रदूषण के एहम घटक माने जाते है। घी, सीसा और मरकरी के हानिकारक प्रभाव को कम करने में भी मदद करता है।
-संतुलित भोजन लें, जिसमें फल और सब्जी शामिल हों। प्रदूषण के दुष्प्रभावों से निपटने के लिए गर्म और घर में बना भोजन ही लें।
-गुड़ का सेवन भी हमारे शरीर से दूषित पदार्थो को दूर करने में मदद करेगा।
-भोजन में लहसुन और प्याज का इस्तेमाल बढ़ाएं। प्याज और लहसुन पारंपरिक दवाओं के रूप में भी उपयोग किए जाते हैं। ये अस्थमा की रोकथाम और उपचार सहित विभिन्न स्वास्थ्य लाभ प्रदान करते हैं।
-भाप की श्वास लें। इससे शरीर को हानिकारक पदार्थो को हटाने में मदद मिलती है। भाप लेने के दौरान पेपरमिंट तेल के 5-7 चम्मच लें और तोलिये की मदद से चेहरे को ढकें।
-तुलसी और अदरक की चाय लें। एक कप तुलसी और अदरक की चाय इम्युनिटी सिस्टम को मजबूत करती है और रेस्पिरेटरी सिस्टम से प्रदूषण की सफाई करने में भी उपयोगी होगी।
इनके अलावा, इस दौरान किसी भी प्रकार के स्प्रे और रूम फ्रेशनर का उपयोग करने से बचना चाहिए, क्योंकि ये वायु प्रदूषण के घटक हैं। घर के अंदर पौधों का उपयोग करें जो हवा को शुद्ध करने में मदद करेंगे। जब भी बाहर कदम रखें तो मास्क लगाना न भूलें।