जम्मू एवं कश्मीर के कुलगाम जिले में रविवार को एक मुठभेड़ में तीन आतंकियों को मार गिराया गया। एक अधिकारी ने कहा कि इसके थोड़ी देर बाद हुए एक विस्फोट में कम से कम सात नागरिकों की मौत हो गई। पुलिस के एक प्रवक्ता ने कहा कि सुरक्षा बलों द्वारा कुलगाम में एक गांव को चारों ओर से घेर लेने के बाद मुठभेड़ शुरू हुई। बलों को खुफिया जानकारी मिली थी कि आतंकी यहां छिपे हुए हैं। कई घंटों तक चली मुठभेड़ में तीन आतंकियों को ढेर कर दिया गया जबकि सेना के दो जवान घायल हुए।
पुलिस ने कहा कि नागरिकों से कई बार आग्रह किया गया कि जब तक इसे सुरक्षित स्थान घोषित नहीं किया जाता तब तक वे मुठभेड़ स्थल से दूर रहें, बावजूद इसके दर्जनों लोग वहां पहुंच गए।
प्रवक्ता ने कहा, “भीड़ में से किसी ने बिना विस्फोट वाले पदार्थ से खेलना शुरू कर दिया और यह हादसा हो गया।”
गांव से आ रही खबरों के मुताबिक, स्थानीय निवासी मुठभेड़ के दौरान क्षतिग्रस्त हुए घर में लगी आग को बुझाने में व्यस्त थे कि तभी विस्फोट हो गया।
कुलगाम जिला अस्पताल के चिकित्सकों ने बताया कि शुरुआत में तीन घायलों को अस्पताल में लाया गया था, जहां पहुंचने पर उन्हें मृत घोषित कर दिया गया।
प्रवक्ता ने कहा, “दो घायल नागरिकों को श्रीनगर अस्पताल ले जाया जा रहा था, जिन्होंने रास्ते में दम तोड़ दिया जबकि एक को श्रीनगर के शेर-ए-कश्मीर चिकित्सा विज्ञान संस्थान में चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया।”
उन्होंने कहा कि बाद में चोट गंभीर होने के कारण एक और शख्स ने अस्पताल में दम तोड़ दिया।
इस विस्फोट में कुल सात लोगों की मौत हुई है जबकि घायलों का इलाज विभिन्न अस्पतालों में चल रहा है।
अधिकारियों ने कुलगाम में सेलफोन और इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी हैं साथ ही प्रदर्शनों को रोकने के प्रयास में कर्फ्यू का आदेश दे दिया गया है।
पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने घटना पर दुख व्यक्त करते हुए कहा, “नागरिक फिर हिंसा की चपेट में आ गए।” उन्होंने कहा कि यह पहले से ही जारी अस्थिर हालात के लिए ईंधन का काम करेगा।
अलगाववादियों ने इन मौतों को हत्याकांड करार दिया और लोगों से सोमवार को विरोध-प्रदर्शन का आह्वान किया है।