जल्दी पकने वाले भोजन (फास्ट फूड) की परंपरा की निंदा करते हुए उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने मंगलवार को पारंपरिक भारतीय भोजन को फिर से अपनाने की अपील की। उन्होंने कहा, “इंस्टेंट फूड मींस कॉन्सटेंड डिजीज। (जल्द पकने वाला भोजन मतलब बीमारी का घर।)” नायडू ने कहा कि इतनी जनसंख्या को देखते हुए भारत को खाद्य उत्पादन के मामले में आत्मनिर्भर होना चाहिए।
नायडू ने मंगलवार को एक कार्यक्रम के दौरान कहा, “हमारी आदतें बदलाव से गुजर रही हैं और हम जल्दी पकने वाले भोजन को अपना रहे हैं। जल्द पकने वाला भोजन मतलब बीमारी का घर। खाने की आदतों के बारे में हमें अपने लोगों को समझाना होगा।”
उन्होंने कहा, “अपना भारतीय भोजन समय के अनुसार परीक्षण किया हुआ है और इसकी संरचना मौसमों के अनुसार तैयार की गई है।”
उपराष्ट्रपति ने कहा कि भारत को खाद्य उत्पादन में आत्मनिर्भर होने के बार में सोचने की जरूरत है।
उन्होंने कहा, “हमें अपने देश में पैदा होने वाली खाद्य सुरक्षा के संदर्भ में भी सोचना चाहिए। हम आयातित खाद्य सुरक्षा पर निर्भर नहीं रह सकते।”