हिमाचल प्रदेश के कुमारहट्टी नगर में बारिश के कारण एक चार मंजिला ‘असुरक्षित’ इमारत ढह गई जिसमें दबकर 13 सैनिकों और एक नागरिक की मौत हो गई। हादसे में 28 लोगों को बचा लिया गया। इमारत में असम रायफल्स के जवान रविवार को पार्टी कर रहे थे जब यह इमारत गिरी। अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी। उपायुक्त के.सी. चमन ने आईएएनएस से कहा कि मलबे में 30 सैनिक और 12 नागरिक फंसे हुए थे। राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ), सेना और राज्य पुलिस ने 22 घंटों तक राहत और बचाव अभियान चलाया।
जिन 28 लोगों को बचाया गया उनमें 17 सैनिक और 11 नागरिक हैं। मृतकों में इमारत के मालिक की पत्नी भी शामिल है।
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कैबिनेट मंत्री राजीव सैजल, सांसद सुरेश कश्यप और विधानसभा अध्यक्ष राजीव बिंदल के साथ घटनास्थल पर पहुंच कर बचाव अभियान का जायजा लिया। यहां उन्होंने बचाए गए लोगों से मुलाकात की।
ठाकुर ने घटना की जांच के आदेश दिए हैं। उन्होंने कहा कि उनकी जानकारी के अनुसार, इमारत को मानकों के अनुसार नहीं बनाया गया था।
उन्होंने इमारत के मालिक शैल कुमार के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया। शैल घटना के समय इमारत में नहीं था।
अधिकारियों के अनुसार, निकटवर्ती डगशाई छावनी के असम रायफल्स के सैनिक सड़क किनारे स्थित भोजनालय-आवासीय परिसर में रविवार शाम चार बजे पार्टी कर रहे थे, जब भारी बारिश के कारण इमारत अचानक ढह गई।
शिमला से लगभग 55 किलोमीटर दूर कुमारहट्टी-नाहन मार्ग पर यह हादसा हुआ।
उपायुक्त ने कहा कि सबसे पहले पहली मंजिल गिरी, इसके बाद पूरी इमारत ढह गई।
राहत और बचाव अभियान में एनडीआरएफ की तीन कंपनियां शामिल रहीं। एनडीआरएफ टीम को शिमला जिले में सुन्नी से एयरलिफ्ट करने के लिए राज्य ने मुख्यमंत्री के हेलीकॉप्टर को तैनात किया गया।
स्थानीय लोगों ने इमारत ढहने के लिए अवैज्ञानिक ढंग से इमारत के निर्माण और मंजूरी देने में नियमों के उल्लंघन को जिम्मेदार ठहराया है।