उत्तराखंड में भारी बारिश के कारण विभिन्न जिलों में लोगों का जन-जीवन अस्त व्यस्त हो गया है। इसे देखते हुए प्रदेश में ऑरेंज अलर्ट जारी कर दिया गया है। भूस्खलन की वजह से गंगोत्री हाईवे बाधित रहा। चमोली जिले में दो आवासीय भवन और दो गौशालाएं बारिश की वजह से जमींदोज हो गई। संयोग से दोनों आवासों में उस वक्त कोई मौजूद नहीं था। मौसम विभाग ने लोगों को ऊपरी इलाके में जाने से मना किया है।
चारधाम यात्रा के संवेदनशील स्थानों पर एसडीआरएफ चैबीसों घंटे अलर्ट पर रहेगी। इसके लिए 30 टीमों को 63 स्थानों की जिम्मेदारी दी गई है। टीम स्थानीय प्रशासन, पुलिस और आपदा कंट्रोल रूम से समन्वय बनाए हुए है। सूचना मिलने पर टीम आपदा में फंसे लोगों की मदद को तत्पर रहेगी।
चारधाम यात्रा रूट और इससे लगे इलाकों में मानसून की बारिश विपदा बनकर टूट रही है। बारिश से सड़क बंद होने के साथ ही भूस्खलन, भू-धंसाव, कटाव, नदी के ऊफान पर आने जैसी घटनाएं बढ़ने लगी हैं। इससे देखते हुए आपदा प्रबंध को चैकन्ना किया गया है।
राज्य आपदा प्रबंधन बल (एसडीआरएफ) के आईजी संजय गुंज्याल ने कहा कि मौसम विभाग की रिपोर्ट के अनुसार टीमें अलर्ट पर रखी जा रही हैं। जरूरत पड़ने पर संवेदनशील इलाकों के पास सुरक्षित स्थानों पर शिविर लगाए जा रहे हैं। करीब 30 टीमें राज्यभर में तैनात की गई हैं। एहतियात के तौर पर अतिरिक्त टीमें भी मदद को रिजर्व रखी गई हैं।
मौसम विभाग की चेतावनी के बाद आपदा प्रबंधन विभाग ने सभी जिलों के लिए गाइडलाइन्स जारी कर दी हैं, ताकि स्थानीय लोगों व यात्रियों को किसी प्रकार की दिक्कत का सामना न करना पड़े।
चमोली जिले में घाट ब्लाक के मल्ला-कांडा गांव में बारिश के कारण दो आवासीय भवन क्षतिग्रस्त हो गए। उस वक्त इन घरों में कोई नहीं था, अन्यथा बड़ा हादसा हो जाता। दो ग्रामीणों की गौशालाएं भी बारिश की भेंट चढ़ गईं। इसी जिले के पीपलकोटी इलाके में बरसाती नाले के पानी के साथ आया मलबा नगर पंचायत कर्मचारियों के घरों में घुस गया। इससे वहां अफरा-तफरी मची रही।
ऋषिकेश-गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर टिहरी जिले में ताछला के समीप मलबा आने के कारण राजमार्ग-चार संपर्क मार्ग बाधित है। इनमें घुत्तू-गंगी मार्ग पर आवाजाही तीन दिनों से ठप है। इससे लोगों को दिक्कतें हो रही हैं।
कुमाऊं के प्रवेश द्वार हल्द्वानी में मूसलाधार बारिश की वजह से सिंचाई विभाग की नहरें और नगर निगम की नालियां चोक हो गई और सारा कीचड़ और पानी सड़कों पर आ गया है। सड़कों पर चलना लोगों के लिए दुश्वार हो गया है। रिहायशी इलाकों में लोगों के घरों के अंदर तक कीचड़ घुस गया है।
मौसम विभाग के अनुसार, सोमवार को राजधानी देहरादून, नैनीताल, चंपावत, ऊधमसिंह नगर, पिथौरागढ़, चमोली, टिहरी, पौड़ी और हरिद्वार जिले के कई स्थानों पर भारी से बहुत भारी बारिश हो सकती है। रुद्रप्रयाग, अल्मोड़ा, उत्तरकाशी, बागेश्वर जिलों में भी कुछ स्थानों पर अच्छी बारिश होने का अनुमान है।
मौसम केंद्र निदेशक बिक्रम सिंह ने कहा कि नौ जिलों में बहुत भारी व अन्य जिलों में बारिश हो सकती है। इस दौरान पहाड़ी क्षेत्रों में भूस्खलन की आशंका है। ऐसे में हिमालयी क्षेत्रों में पर्यटकों की आवाजाही रोकने का सुझाव दिया गया है। साथ ही राज्य सरकार से अतिरिक्त सतर्कता बरतने को कहा गया है।
रविवार को भी मंडल में कई सड़कें नहीं खुल पाई और कई अन्य सड़कें भी मलबे से पट गईं। यहां के रहने वाले देवेश नेगी ने बताया “हम लोगों का जीन दूभर हो गया है। रोड बंद होने के कारण एक स्थान से दूसरे स्थान पर नहीं जा पा रहे हैं।”
पहाड़ी कटिंग के चलते यातायात के लिए बंद किया गया पिथौरागढ़-घाट राष्ट्रीय राजमार्ग चौथे दिन भी नहीं खुला। यात्री झूला पुल से दो किलोमीटर पैदल चलकर दूसरी ओर पहुंचे।
धारचूला के कालिका में भूस्खलन से एक मकान खतरे की जद में आ गया है। एक गौशाला ध्वस्त हो गई। नाचनी में कई गांवों के पैदल मार्ग दो दिन से बंद हैं। इससे वहां दैनिक उपयोग की वस्तुओं का अभाव हो गया है। नैनीताल जिले में भल्यूटी, देवीपुरा-सौड़, फतेहपुर-बेल बसानी सड़कें एक सप्ताह से बंद हैं। रविवार को हरतपा-हली सड़क भी बंद हो गई।
उत्तरकाशी जिले के मोरी ब्लाक नैटवाट के रितेश रावत ने बताया कि भीतरी रोड बाढ़ के कारण क्षतिग्रस्त हो गई है। इस कारण 15 से 20 गांवों का जनजीवन प्रभावित हो गया है।
भारी से भारी बारिश की चेतावनी को देखते हुए हरिद्वार जिला प्रशासन ने सोमवार को 12वीं तक के सभी सरकारी एवं निजी स्कूलों में अवकाश घोषित किया है। मौसम विज्ञान केंद्र ने हरिद्वार में अगले 24 घंटे तक भारी बारिश की चेतावनी एवं ऑरेंज अलर्ट जारी किया है।