हाल-फिलहाल के दशकों में ऐसा पहली बार हुआ है कि हिमाचल प्रदेश के सभी प्रमुख हिंदू तीर्थस्थलों के दरवाजे 10 दिवसीय चैत्र नवरात्रि पर्व की शुरुआत के दौरान बंद रहे। बुधवार से चैत्र नवरात्रि की शुरुआत हो गई है। कोरोनोवायरस महामारी के मद्देनजर संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए राज्यव्यापी कर्फ्यू जारी होने के कारण सभी मंदिर बंद हैं।
ब्रजेश्वरी देवी मंदिर के एक अधिकारी ने फोन पर आईएएनएस से कहा, “मंदिर को जनता के लिए बंद कर दिया गया है, लेकिन चैत्र नवरात्रि के दौरान सभी अनुष्ठान सामान्य रूप से जारी रहेंगे।”
उत्तर भारत के सबसे प्रसिद्ध मंदिरों में से एक कांगड़ा शहर में ब्रजेश्वरी देवी मंदिर, जो 52 शक्ति पीठों में से एक है, यहां आमतौर पर चैत्र नवरात्रि उत्सव के दौरान पंजाब, हरियाणा, उत्तराखंड, दिल्ली और उत्तर प्रदेश के हजारों तीर्थयात्री दर्शन के लिए आते हैं।
इसी तरह अन्य लोकप्रिय तीर्थस्थलों जैसे उना में स्थित चिंतपुरनी मंदिर, हमीरपुर में बाबा बालक नाथ, बिलासपुर में नैना देवी मंदिर, कांगड़ा में ज्वालाजी और चामुंडा देवी और शिमला जिले में भीमाकाली और हटेश्वरी में कोई भक्त नहीं देखा गया।
चैत्र नवरात्रि उत्सव का समापन राम नवमी के साथ तीन अप्रैल को होगा।
हिमाचल प्रदेश को देवभूमि के तौर पर जाना जाता है। यहां 28 प्रमुख मंदिर हैं, जिनमें से अधिकांश कांगड़ा, उना, बिलासपुर और शिमला जिलों में हैं।
एक अधिकारी ने कहा, भक्त ब्रजेश्वरी देवी, नैना देवी, चिंतपूर्णी और ज्वालाजी मंदिरों के ऑनलाइन लाइव दर्शन कर सकते हैं। वे ऑनलाइन प्रसाद भी दे सकेंगे।