कोरोनावायरस जैसी महामारी से निपटने के लिए जहां कई स्वयंसेवी संस्थाएं और सामाजिक लोग सरकार के साथ कदम से कदम मिला कर काम कर रहे हैं, वहीं राज्य सरकार और प्रशासन को कोरोना के साथ इस जंग में सखी मंडल की महिलाओं का भी साथ मिला है। ये महिलाएं भी अपनी जिम्मेदारी बखूबी निभा रही हैं। मास्क और सैनिटाइजर की कमी को पूरा करने के लिए ये स्वयं सहायता समूह की महिलाएं दिन रात लगी हुई हैं।
कोरोनावायरस के बढ़ते संक्रमण के चलते बाजार में मास्क एवं हैंड सैनिटाइजर के दाम भी मांग बढ़ने के साथ बढ़ गए हैं। जगहों पर मास्क की कमी भी हो गई है। इस समस्या को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार की अपील पर सखी महिलाओं ने मोर्चा संभाला और मास्क और सैनिटाइजर का निर्माण शुरू कर दिया।
झारखंड राज्य आजीविका संवर्धन समिति (जेएसपीएलएस) के एक अधिकारी ने बताया कि विभिन्न जिलों में सखी मंडल की महिलाओं को प्रशिक्षण देने के बाद निर्माण कार्य शुरू किया गया है। इसकी कीमत भी नाममात्र की रखी गई है।
समिति के मुख्य कार्यपालक अधिकारी और ग्रामीण विकास विभाग के विशेष सचिव राजीव कुमार ने आईएएनएस को बताया कि पलामू जिले में जहां अभी तक 45,950 मास्क का निर्माण और बिक्री हो चुकी है, वहीं यहां के सखी मंडल की महिलाएं 25,200 बोतल सैनिटाइजर का निर्माण कर चुकी हैं।
वह कहते हैं, “इसी तरह हजारीबाग में 18,700 मास्क, गोड्डा में 29,805 मास्क और 3520 बोतल सैनिटाइजर व 28 चिकित्साकर्मी एप्रोन, चतरा जिला में 10,237 मास्क, देवघर जिले में 5800 मास्क, रामगढ़ में 13,600 मास्क और 1,467 बोतल सैनिटाइजर, सिमडेगा जिले की महिलाओं ने 31 मार्च तक 5660 मास्क व 646 बोतल सैनिटाइजर बना चुकी हैं।”
उन्होंने बताया कि महिलाएं इसकी बिक्री भी खुद कर रही हैं। राजीव कुमार कहते हैं, “सखी मंडलों के माध्यम से जिला प्रशासन की आवश्यकतानुसार एवं निदेशानुसार 31 मार्च, 2020 तक कुल 2,02,372 मास्क उत्पादन एवं वितरण का कार्य तथा 62896 बोतल सैनिटाइजर का विक्रय जिला प्रशासन द्वारा निर्धारित विक्रय केंद्रों से किया गया।”
रांची जिले में स्थित प्रशिक्षण सह उत्पादन केंद्र में 24 मार्च से मास्क उत्पादन का कार्य शुरुआत किया गया है। जिला प्रशासन कार्यालय में सखी मंडल की महिलाओं द्वारा कम मूल्यों पर सैनिटाइजर की बिक्री भी की जा रही है। रांची के दो स्थानों में इसका निर्माण किया जा रहा है। रांची में अब तक 10,816 मास्क और 2000 बोतल सैनिटाइजर का उत्पादन कर बिक्री की जा चुकी है।
जेएसपीएलएस के एक अधिकारी ने आईएएनएस को बताया कि जहां से ऑर्डर आ रहा है, वहां भी इन मास्क और सैनिटाइजर की आपूर्ति की जा रही है। इससे जहां सखी मंडल की महिलाओं को भी आमदनी हो रही है, वहीं जरूररतमंदों को भी सामान मिल जा रहा है।
उन्होंने कहा कि राज्य के अधिकांश जिलों में सखी मंडल की महिलाओं द्वारा मास्क का निर्माण किया जा रहा है। अधिकारी ने बताया कि सखी मंडल की महिलाएं दाल- भात केंद्रों में भी अपना योगदान दे रही हैं।