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80 हजार लीटर दूध किसानों ने नाली में बहाया

तमिलनाडु ने केरल के उत्तरी जिलों से दूध की आपूर्ति रोक लगा दी है। चाय की दुकानें तक बंद रहने से दूध की खपत नहीं हो पा रही है। ऐसी स्थिति में बुधवार को पलक्कड़ जिले में किसानों ने लगभग 80,000 लीटर दूध नाली में बहा दिया। किसानों से दूध एकत्रित कर उसे बजारों में बचने वाले एक दूध विक्रेता ने कहा, “कोरोनावायरस महामारी का फैलाव रोकने के लिए पूरे देश में लॉकडाउन है। इस परिस्थिति में दूध को नाले में फेंकने के अलावा हमारे पास और कोई विकल्प नहीं है, क्योंकि सभी चाय की दुकानें और रेस्तरां बंद हैं, इसके अलावा तमिलनाडु ने अपने राज्य में ट्रकों के आवागमन पर रोक लगा दी है।”

राज्य में अधिकांश दुग्ध विक्रेता दूध के उत्पाद बनाने वाली सरकारी कंपनी मिल्मा को दूध सौंप रहे हैं।

मिल्मा सामान्य दिनों में अतिरिक्त दूध पड़ोसी राज्य तमिलनाडु के संयंत्र को भेज देती थी, जहां दूध को दूध पाउडर में बदला जाता है। इस समय टैंकरों को सीमा पर रोके जाने के कारण उस संयंत्र में भी दूध भेजना दूभर हो गया है।

केरल में केवल एक ही दूध उत्पाद संयंत्र है, जो इस समय ठप्प पड़ा है।

इस बीच राज्य सरकार ने केरल के उन संयंत्रों से संपर्क करना शुरू कर दिया है, जहां नारियल को सुखाया जाता है। उम्मीद है कि ये संयंत्र दूध को सुखाकर उसे पाउडर में बदलना स्वीकार कर लेंगे।

राज्य के कृषि मंत्री वी.एस. सुनीलकुमार ने कहा कि वह जरूरतमंदों की हर प्रकार की सहायता करेंगे और देखेंगे कि यहां पशुपालक किसानों के बेहतरी के लिए क्या किया जा सकता है।

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