दिल्ली की एक अदालत ने शनिवार को पर्यावरणविद् आर.के. पचौरी के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोप तय कर दिए हैं और अदालत चार जनवरी, 2019 से सबूतों को दर्ज करना शुरू करेगी। महानगर दंडाधिकारी चारु गुप्ता ने 2015 में एक महिला सहकर्मी का यौन उत्पीड़न करने के मामले में औपचारिक रूप से आरोप तय किए। पचौरी पर भारतीय दंड संहिता की कई धाराओं के तहत महिला की गरिमा को तार-तार करने, अपशब्द बोलने छेड़छाड़ और अश्लील हरकतें या भाव-भंगिमा प्रदर्शित करने के आरोप तय किए गए हैं।
बचाव पक्ष के वकील आशीष दीक्षित ने अदालत से मामले का शीघ्र निपटारा करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि पचौरी 78 वर्ष के हैं और अनिर्णय की स्थिति की वजह से उनका परिवार मुश्किलों को सामना कर रहा है।
चार जनवरी को, अदालत पचौरी के खिलाफ अभियोजन पक्ष के गवाहों से जिरह करेगी।
आरोप लगने के बाद पचौरी को फरवरी 2015 में जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र की अंतरसरकारी समिति के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देना पड़ा था और टेरी प्रमुख के पद को भी छोड़ना पड़ा था।
पचौरी ने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों का खंडन किया है।