इंसानों का काम कर रहे हैं भालू, हैरान कर देने वाली घटना से चकित हुई दुनिया
किसी भी निर्माता के लिए यह जांचना सामान्य है कि उत्पादन की गुणवत्ता एक निश्चित स्तर तक पहुँची है या नहीं। लेकिन अगर इस गुणवत्ता परीक्षण के विशेषज्ञ कोई इंसान या मशीन नहीं, बल्कि एक भालू हो तो?

जब कोई चीज़ तैयार की जाती है, तो उत्पादन करने वाली कंपनी यह जांचती है कि वह वांछित गुणवत्ता स्तर तक पहुँची है या नहीं। रोजमर्रा में इस्तेमाल होने वाली वस्तुओं की भी इसी तरह से गुणवत्ता जांची जाती है।
इसके लिए विशेषज्ञों की नियुक्ति होती है। वे परीक्षण कर प्रमाणपत्र देते हैं कि वस्तु गुणवत्ता के मानकों पर खरी उतरती है। अगर कोई खामी पाई जाती है, तो उत्पादन को अस्वीकार कर उसे फिर से ठीक तरह से बनाया जाता है।
इन विशेषज्ञों की भूमिका इसलिए बेहद अहम होती है। आमतौर पर ये परीक्षण इंसान करते हैं। कुछ मामलों में मशीनों से भी जांच कराई जाती है। लेकिन क्या आपने कभी सुना है कि भालू विशेषज्ञ की भूमिका निभाते हैं? जी हाँ, यह हकीकत है!
अलास्का के एक चिड़ियाघर में कचरे के लिए जो मजबूत प्लास्टिक के डिब्बे (बिन्स) बनाए जाते हैं, उनकी गुणवत्ता जांचने का एक अनोखा तरीका अपनाया गया है। चिड़ियाघर के सफाई कर्मचारी इन नए डिब्बों को भालुओं के बाड़ों में रख देते हैं।
फिर क्या! अलास्का चिड़ियाघर के भालू उन डिब्बों को अपने हाथों में लेकर खींचते, पटकते, दांतों से काटते और हर तरीके से उन्हें नष्ट करने की कोशिश करते हैं। अगर तमाम कोशिशों के बावजूद डिब्बे टूटते नहीं हैं, तो समझा जाता है कि वे गुणवत्ता की कसौटी पर खरे उतरे हैं।
भालुओं की इस कठोर परीक्षा के बाद ही उन प्लास्टिक के कचरे के डिब्बों का इस्तेमाल शुरू किया जाता है। यानी, भालुओं से पास होने के बाद ही उन डिब्बों को अंतिम मंजूरी मिलती है!