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चुनावी अभियान से कोरोना मामलों में भारी उछाल

ट्रंप द्वारा अब तक 18 चुनावी रैलियों को संबोधित किया गया है। जिसकी वजह से अमेरिका में कोविड-19 से संक्रमण के 30 हजार से अधिक नए मामले सामने आए हैं।

बीजिंग : अमेरिका में आगामी तीन नवंबर को बहु-प्रतीक्षित राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव होने हैं। इसके चलते पिछले कई दिनों से तमाम नेता चुनावी अभियान में व्यस्त हैं। लगातार चुनावी रैलियां हो रही हैं, जिसमें हजारों लोग पहुंच रहे हैं। लेकिन कोरोना वायरस महामारी के इस दौर में यह ट्रेंड बेहद खतरनाक साबित हो सकता है। अमेरिकी प्रशासन बार-बार वायरस के प्रसार के लिए चीन पर आरोप लगाता रहा है। हालांकि खुद ट्रंप व उनके सहयोगियों ने वायरस को काबू में करने के लिए कुछ खास किया नहीं है। लगातार देखने में आ रहा है कि राष्ट्रपति ट्रंप लोगों और मतदाताओं से मास्क न पहनने की अपील कर रहे हैं। यहां तक कि वे कोविड-19 महामारी को गंभीरता से न लेने की बातें कर रहे हैं। इसका यह असर यह हो रहा है कि उनकी रैलियों में हजारों लोग सोशल डिस्टेंसिंग आदि नियमों का खूब मखौल उड़ा रहे हैं। इस दौरान कोरोना से संक्रमित लोगों की संख्या लगातार बढ़ रही है।

स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के शोधकतार्ओं द्वारा हाल में एक स्टडी की गयी है। इसके मुताबिक ट्रंप द्वारा अब तक 18 चुनावी रैलियों को संबोधित किया गया है। जिसकी वजह से अमेरिका में कोविड-19 से संक्रमण के 30 हजार से अधिक नए मामले सामने आए हैं। वहीं 700 से ज्यादा लोग अपनी जान गंवा चुके हैं।

यूनिवर्सिटी द्वारा जारी की गयी रिपोर्ट कहती है कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की रैलियों के कारण उनके समर्थकों को भारी कीमत चुकानी पड़ रही है।

‘कोविड-19 के प्रसार पर बड़े समूह की बैठकों के प्रभाव: ट्रंप रैलियों का मामला’ शीर्षक स्टडी में 20 जून से 22 सितंबर तक हुई ट्रंप की 18 चुनावी रैलियों का अध्ययन किया गया है। इसमें खतरनाक परिणाम देखने को मिले हैं। इसके अनुसार रैलियों में शिरकत वाले 30 हजार लोग कोरोना की चपेट में आ चुके हैं। इतना ही नहीं चुनावी अभियान में शामिल 700 से अधिक लोगों की मौत भी हो चुकी है।

उधर रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र (सीडीसी) ने कई बार हिदायत दी है कि बड़े कार्यक्रमों और रैलियों में मास्क न पहनने और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन न करने के गंभीर परिणाम हो सकते हैं।

हालांकि इसके बाद भी डोनाल्ड ट्रंप और उनके चुनावी मैनेजर मास्क न पहनने और बढ़-चढ़कर रैलियों में हिस्सा लेने की अपील कर रहे हैं। अगर यही स्थिति रहती है तो चुनाव खत्म होने के बाद अमेरिका में कोरोना के मामलों में भारी उछाल देखने को मिल सकता है। जो पहले से ही संकट में पड़े देश के लिए और बड़ी मुसीबत होगी।

यहां बता दें कि अमेरिका में अब तक कोरोना के चलते 92 लाख नागरिक संक्रमित हुए हैं, जबकि 2 लाख 30 हजार से अधिक की मौत हो चुकी है।

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