केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और उनके परिवार पर हमले जारी रखते हुए बुधवार को कहा कि वह सिर्फ पैसे का हिसाब लगाना जानते हैं और देश की सुरक्षा से उन्हें कोई मतलब नहीं है। विवादास्पद राफेल विमान सौदे पर लोकसभा में बहस के बीच में दखल देते हुए जेटली ने कहा कि दुख की बात है कि देश की सबसे पुरानी पार्टी की कमान जिस भद्र पुरुष के हाथ में है, वह इतना भी नहीं जानता कि लड़ाकू विमान क्या होता है।
जेटली ने कहा कि कांग्रेस और गांधी महज ‘500 करोड़ रुपये बनाम 1,600 करोड़ रुपये’ पर दलील का सहारा ले रहे हैं।
उनका आशय संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) की सरकार के दौरान किए गए करार और मौजूदा सरकार में किए गए करार में विमान के सौदों में कीमतों के अंतर के संदर्भ में था।
उन्होंने कहा, “उसका कारण है। भारत में कुछ लोग और परिवार सिर्फ पैसों का हिसाब जानते हैं। उनको देश की सुरक्षा की बात समझ में नहीं आती है, बल्कि सिर्फ पैसा ही समझ में आता है।”
गांधी परिवार का नाम लिए बगैर जेटली ने सवाल किया कि बोफोर्स मामले, नेशनल हेराल्ड मामले और अगस्ता वेस्टलैंड मामले में एक ही परिवार का नाम क्यों आया।
उन्होंने कहा, “अगर एक मामला होता तो हम उनको संदेह का लाभ देते, लेकिन तीन मामले कुछ अधिक हो गए हैं।”
जेम्स बांड मूवी के प्रसिद्ध डायलॉग का जिक्र करते हुए वित्तमंत्री ने कहा, “अगर यह एक बार हुआ होता तो इत्तेफाक होता। अगर दो बार हुआ होता तो यह संयोग होता, मगर तीन बार होने पर यह एक साजिश है।”
उन्होंने कहा, “और आज भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ खिलवाड़ करने वाले साजिशकर्ता रक्षा सौदे पर सवाल उठाने की गुस्ताखी कर रहे हैं।”
राफेल सौदे में अनियमितता को लेकर राहुल गांधी के आरोपों को खारिज करते हुए जेटली ने कहा कि उन्होंने वैसे आरोप लगाते हुए ‘अभूतपूर्व स्वतंत्रता’ का लाभ उठाया।
जेटली ने कहा, “कुछ लोगों को स्वाभाविक रूप से सच रास नहीं आता है। पिछले कुछ महीनों से जो कुछ भी बोला गया है (राहुल गांधी द्वारा), शुरू से अंत तक एक-एक शब्द बिल्कुल झूठ है।”
उन्होंने कहा, “देश की सबसे पुरानी पार्टी के लिए यह एक बड़ी त्रासदी है कि कभी जिसका नेतृत्व उल्लेखनीय नेताओं ने किया, उसकी बागडोर आज एक ऐसे भद्र पुरुष के हाथ में है, जिसको लड़ाकू विमान की बुनियादी जानकारी तक नहीं है।”