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Politics

लोकसभा चुनाव 7 चरणों में 11 अप्रैल-19 मई तक, मतगणना 23 मई को

निर्वाचन आयोग ने रविवार को लोकसभा चुनाव के कार्यक्रम घोषित कर दिए। चुनाव सात चरणों में 11 अप्रैल से 19 मई तक होगा और मतों की गिनती 23 मई को होगी। ढाई महीने तक चलने वाली इस चुनावी प्रक्रिया में मतदाताओं के सामने विकल्प होगा कि वे नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाले गठबंधन को दोबारा चुने या फिर किसी दूसरे विकल्प को चुने।

मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुनील अरोड़ा ने यहां आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि चुनावी कार्यक्रम की घोषणा के साथ ही देश में आदर्श आचार संहिता लागू हो गई है और यह सरकार और राजनीतिक पार्टियों पर तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है।

आदर्श आचार संहिता लागू हो जाने के बाद सरकार न तो कोई नीतिगत निर्णय ले सकती है और न किसी नई परियोजना की घोषणा ही कर सकती है।

अरोड़ा ने अन्य दो निर्वाचन आयुक्तों अशोक लवासा और सुशील चंद्रा के साथ संवाददाता सम्मेलन में कहा कि लोकसभा चुनाव के साथ ही आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, ओडिशा और सिक्किम में विधानसभा के चुनाव भी होंगे। लेकिन जम्मू एवं कश्मीर में विधानसभा चुनाव की पार्टियों की मांग सुरक्षा कारणों से नहीं मानी गई है।

इसके अलावा 12 राज्यों में 34 विधानसभा सीटों के लिए उपचुनाव भी साथ में कराए जाएंगे, जिसमें 18 सीटें तमिलनाडु की हैं, जो सत्ताधारी एआईएडीएमके का राज्य में भविष्य तय करेंगी।

पिछला लोकसभा चुनाव नौ चरणों में हुआ था और मोदी के नेतृत्व में भाजपा ने पहली बार 282 सीटों पर जीत दर्ज की थी। पिछले 30 सालों में किसी पार्टी के लिए भी पहली बार इतनी मजबूत स्थिति रही थी।

लोकसभा की 543 सीटों के लिए मतदान 11 अप्रैल, 18, 23, 29 अप्रैल और छह, 12, 19 मई को होंगे और मतगणना 23 मई को की जाएगी।

अरोड़ा ने कहा कि पहले चरण में 20 राज्यों की 91 सीटों के लिए मतदान होंगे। इनमें आंध्र प्रदेश (25), अरुणाचल प्रदेश (2), असम (5), बिहार (4), छत्तीसगढ़ (1), जम्मू एवं कश्मीर (2), महाराष्ट्र (7), मणिपुर (1), मेघालय (2), मिजोरम (1), नागालैंड (1), ओडिशा (4), सिक्किम (1), तेलंगाना (17), त्रिपुरा (1), उत्तर प्रदेश (8), उत्तराखंड (5), पश्चिम बंगाल (2), अंडमान एवं निकोबार (1) और लक्षद्वीप (1) शामिल हैं।

13 राज्यों और एक केंद्र शासित क्षेत्र की कुल 97 सीटों के लिए मतदान 18 अप्रैल को होगा। इन राज्यों में असम (5), बिहार (5), छत्तीसगढ़ (3), जम्मू एवं कश्मीर (2), कर्नाटक (14), महाराष्ट्र (10), मणिपुर (1), ओडिशा (5), तमिलनाडु (39), त्रिपुरा (1), उत्तर प्रदेश (8), पश्चिम बंगाल (3), और पुडुचेरी (1) शामिल हैं।

तीसरे चरण का मतदान 23 अप्रैल को होगा और इस दौरान 14 राज्यों की 115 सीटों के लिए वोट डाले जाएंगे। इन राज्यों में असम (4), बिहार (5), छत्तीसगढ़ (7), गुजरात (26), गोवा (2), जम्मू एवं कश्मीर (1), कर्नाटक (14), केरल (20), महाराष्ट्र (14), ओडिशा (6), उत्तर प्रदेश (10), पश्चिम बंगाल (5), दादरा एवं नगर हवेली (1), और दमन एवं दीव (1) शामिल हैं।

चौथे चरण के दौरान 29 अप्रैल को नौ राज्यों की 71 सीटों के लिए वोट डाले जाएंगे। इन राज्यों में बिहार (5), जम्मू एवं कश्मीर (1), झारखंड (3), मध्य प्रदेश (6), महाराष्ट्र (17), ओडिशा (6), राजस्थान (13), उत्तर प्रदेश (13) और पश्चिम बंगाल (8) शामिल हैं।

पांचवें चरण का मतदान छह मई को होगा, और इस दौरान सात राज्यों की 51 सीटों के लिए वोट डाले जाएंगे। इन राज्यों में बिहार (5), जम्मू एवं कश्मीर (2), झारखंड (4), मध्य प्रदेश (7), राजस्थान (12), उत्तर प्रदेश (14), पश्चिम बंगाल (7) शामिल हैं।

छठे चरण के मतदान में 12 मई को सात राज्यों की 59 सीटों के लिए वोट डाले जाएंगे। इन राज्यों में बिहार (8), हरियाणा (10), झारखंड (4), मध्य प्रदेश (8), उत्तर प्रदेश (14), पश्चिम बंगाल (8) और दिल्ली (7) शामिल हैं।

अंतिम चरण में आठ राज्यों की 59 सीटों के लिए 19 मई को मतदान होगा। इन राज्यों में बिहार (8), झारखंड (3), मध्य प्रदेश (8), राजस्थान (13), पश्चिम बंगाल (9), छत्तीसगढ़ (1), उत्तर प्रदेश (13) और हिमाचल प्रदेश (4) शामिल हैं।

आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, गोवा, गुजरात, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, केरल, मिजोरम, नागालैंड, पंजाब, सिक्किम, तेलंगाना, तमिलनाडु, उत्तराखंड, अंडमान एवं निकोबार, दमन एवं दीव, लक्षद्वीप, दिल्ली और छत्तीसगढ़ में एक चरण में मतदान होगा।

कर्नाटक, मणिपुर, राजस्थान और त्रिपुरा में दो चरणों में मतदान होगा, जबकि असम और छत्तीसगढ़ में तीन चरणों में मतदान होगा। झारखंड, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और ओडिशा में चार चरणों में तथा जम्मू एवं कश्मीर में पांच चरणों में मतदान होगा।

किसी भी राज्य में छह चरणों में मतदान नहीं होना है। बिहार, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल में सातों चरण में मतदान होंगे।

अरोड़ा ने कहा कि मतदान चरणों का निर्णय केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की उपलब्धता सहित कई कारकों की वजह से लिए गए हैं।

जम्मू एवं कश्मीर में विधानसभा चुनाव साथ कराए जाने की पार्टियों की मांग पर सीईसी ने कहा कि उम्मीदवारों की सुरक्षा के लिए बलों की कम उपलब्धता के कारण राज्य में सिर्फ लोकसभा चुनाव ही कराया जा रहा है।

इस चुनाव में मतदाताओं की संख्या लगभग 90 करोड़ होगी, जो 2014 के 81.45 करोड़ से अधिक है। इसमें से कोई 1.50 करोड़ पहली बार मतदाता बने हैं, जिनकी उम्र 18-19 साल है।

चुनाव के लिए सभी इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों के साथ वीवीपैट इस्तेमाल किए जाएंगे।

उन्होंने कहा कि ट्विटर, गूगल और फेसबुक जैसे सोशल मीडिया मंचों ने एक स्वच्छ चुनाव अभियान सुनिश्चित करने के लिए एक विशेष निगरानी तंत्र सुनिश्चित करने का वादा किया है।

अरोड़ा ने कहा कि आपराधिक पृष्ठभूमि वाले उम्मीदवारों को अपने मामले घोषित करने के लिए मौजूदा फॉर्म को संशोधित किया गया है और ऐसे उम्मीदवारों को स्थानीय अखबारों और टेलीविजन चैनलों पर खुद की घोषणा के लिए विज्ञापन देने होंगे। अपूर्ण सूचना पर उन्हें उम्मीदवारी के अयोग्य करार दे दिया जाएगा।

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