यूट्यूब पर उपलब्ध कंटेंट को लेकर पैदा हुए एक विवाद के बीच वीडियो साझा करने वाला यह प्लेटफार्म अपने सत्यापन कार्यक्रम में आमूलचूल बदलाव पर काम कर रहा है। कंपनी ने गुरुवार को एक ब्लॉग पोस्ट में कहा, “जब दर्शक यूट्यूब पर आते हैं तो यह महत्वपूर्ण है कि वे जिस चैनल को देख रहे हैं, उसके क्रिएटर, आर्टिस्ट, पब्लिक फिगर या उसका प्रतिनिधित्व करनेवाली कंपनी की आधिकारिक उपस्थिति हो।”
कंपनी ने आगे कहा, “इसे ध्यान में रखते हुए हम अपने चैनल सत्यापन कार्यक्रम में आमूलचूल बदलाव ला रहे हैं, जो अक्टूबर से शुरू होगा। नई सत्यापन प्रक्रिया के दो हिस्से हैं, एक नया लुक और नई पात्रता जरूरतें।”
वीडियो शेयरिंग प्लेटफार्म ने कहा कि अक्टूबर से प्रभावी होनेवाली नीतियों में बदलाव में सत्यापन को निर्धारित करने में सदस्यता संख्या का उपयोग नहीं हो सकेगा।
फिलहाल वेरिफाइड चैनल्स के चैनल नाम के आगे चेकमार्क लगा होता है।
कंपनी ने कहा कि हमारे शोध से यह पता चला है कि अक्सर दर्शक चेकमार्क को कंटेंट के समर्थन से जोड़ते हैं, न कि पहचान के समर्थन से। इसलिए सत्यापित का क्या मतलब है, इस भ्रम को दूर करने के लिए हम नया लुक पेश करेंगे, जिससे क्रिएटर, सेलीब्रिटी या जिसका प्रतिनिधित्व करती है उस ब्रांड के आधिकारिक चैनल को अलग से पहचानने में मदद मिलेगी।