उत्तर प्रदेश में कई जिलों में नदियों का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया है। इस कारण सूबे के कई इलाके बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। प्रदेश में प्रमुख नदियां खतरे के निशान के ऊपर बह रही हैं। लखीमपुर खीरी पलियां कला से बहने वाली शारदा नदी काफी उफान मार रही है। यह खतरे के निशान को पार करते हुए 154.290 मीटर तक पहुंच गई है। यहां पर कटान के कारण कई गांव जलमग्न हैं। लोग बचने के लिए सुरक्षित स्थानों पर जा रहे हैं।
स्थानीय निवासी गुरुजीत सरदार ने बताया कि पहाड़ों पर बारिश होने के बाद शारदा विकराल रूप धारण किए हुए है। जलस्तर तीन दिन से लगातार बढ़ रहा है। कई गांव कटान के डर से पलायन कर गए हैं। पहाड़ी नदी होने के चलते शारदा में जलस्तर कब बढ़ जाए और कब कम हो जाए, इसका अंदाजा लगा पाना मुश्किल होता है।
नदी किनारे रहने वाले गांव जैसे कुवरपुरकलां, आजाद नगर, बर्बाद नगर के पास पानी आ गया है, जिससे लोग परेशान हैं। नदी का रुख श्रीनगर की तरफ है, जहां नदी ने धीरे-धीरे कटान भी शुरू कर दिया है। नदी के इसी रुख को देखकर ग्रामीण भयभीत है।
उपजिलाधिकारी जंग बहादुर सिंह ने गभिया सहराई पहुंचकर नदी में बढ़े जलस्तर का जायजा लिया। उन्होंने बाढ़ चौकियों पर तैनात कर्मचारियों को रोजाना की रिपोर्ट भेजने के निर्देश दिए। राहत के बचाव के लिए सभी को चैतन्य रहने को कहा है।
बलरामपुर और श्रावस्ती जिले में राप्ती नदी रविवार को खतरे के निशान को पार कर गई। बलरामपुर नदी का जल स्तर लाल निशान से 29 सेमी. तो श्रावस्ती में 80 सेमी. ऊपर बह रही है। नदी प्रति घंटे दो सेमी. की रफ्तार से बढ़ रही है। नदी के तटवर्ती करीब तीन दर्जन से अधिक गांव बाढ़ के पानी से घिर गए हैं। एक दर्जन गांव ऐसे हैं जिनमें पानी घुस गया है।
सदर तहसील के चौकाकला, चैकाखुर्द, लालपुर फगुइया, पाठकपुरवा, गुलामपुरवा, जमालीजोत, कलंदरपुर, बेलवा सुल्तानजोत, कटरा शंकरनगर, भीखमपुर, लक्ष्मणपुर डिहवा, रामपुर आदि गांव में पानी घुस गया है। इन गांवों में जाने वाले रास्तों पर पानी का बहाव तेज होने से आवागमन प्रभावित है। कोड़री घाट पुल के पास सड़क का किनारा धंस गया है।
सदर तहसीलदार रोहित कुमार मौर्य ने बताया कि काशीपुर, लौकहवा, सहिबानगर, दतरंगवा सहित करीब आधा दर्जन डिप पर नाव व नाविक लगा दिए गए हैं। लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का काम शुरू है।
सरयू नदी का जल स्तर लगातार बढ़ रहा है। नदी के जलस्तर बारिश से लगातार बढ़ता जा रहा है। इससे कंचनपुर, ढोलबजा, सरैया, खरैया, गायघाट, सीयाराम अधीन, चपरा पूर्वी नरायनपुर, भोतहा, गुलरिहा आदि गांव के लोगों में दहशत है।
सिंचाई एवं जल संसाधान विभाग के मुख्य अभियंता ए.के. सिंह ने आईएएनएस को बताया कि राप्ती खतरे के निशान पर पहुंच गई है। इसका जलस्तर 104.990 पर पहुंच गया है। जो कि लाल निशान को पार कर गया है। घाघरा का जलस्तर अभी स्थिर है। 135 मीटर पर नदी ठहरी हुई है। इसका खतरे का निशान 136.550 मीटर है।
बाढ़ राहत आपदा प्रबंधन विभाग के अनुसार, बाढ़ वाले क्षेत्रों में प्रमुख अधिकारी को हर समय चौकन्ना रहने को कहा गया है। राहत एवं बचाव की समाग्री स्थानीय लोगों को पहुंचाई जा रही है। जो लोग ज्यादा बाढ़ ग्रासित क्षेत्रों पर उन्हें सुरक्षित स्थानों पर पहुंच कर उनके रहने खाने की व्यवस्था की जा रही है। ज्यादा खतरनाक इलाकों में एनडीआरएफ की टीमों को मुस्तैदी से लगने को कहा गया है।