कांग्रेस और जनता दल-सेक्युलर (जद-एस) ने भाजपा नेता बी. एस. येदियुरप्पा के शपथ ग्रहण कार्यक्रम का बहिष्कार किया। येदियुरप्पा ने शुक्रवार की देर शाम कर्नाटक के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली है।
कांग्रेस प्रवक्ता रवि गौड़ा ने यहां आईएएनएस को बताया, “हमारी पार्टी के राज्य अध्यक्ष दिनेश गुंडु राव ने हमारे नेताओं, पूर्व मंत्रियों और विधायकों को येदियुरप्पा के शपथ ग्रहण समारोह का बहिष्कार करने का निर्देश दिया है। क्योंकि जब उनकी पार्टी के पास विधानसभा में बहुमत नहीं है, तो उन्हें सत्ता संभालने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है।”
राज्यपाल वजुभाई वाला ने येदियुरप्पा को शाम छह बजे राजभवन में मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के लिए आमंत्रित किया। इससे पहले येदियुरप्पा के सरकार बनाने का दावा पेश किया था।
पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष दिनेश गुंडू राव ने ट्वीट किया, “मैं इस अपवित्र कार्यक्रम में भाग लेने से इंकार करता हूं और कर्नाटक कांग्रेस के सभी नेताओं को इसमें भाग नहीं लेने का निर्देश देता हूं।”
राव ने कहा कि राज्य में भाजपा की अगली सरकार बनाना लोकतंत्र पर धब्बा था।
कार्यवाहक मुख्यमंत्री और जद (एस) के नेता एच. डी. कुमारस्वामी ने व्यक्तिगत कारणों से इस कार्यक्रम में शामिल नहीं होने का फैसला लिया।
जद (एस) के प्रवक्ता रमेश बाबू ने आईएएनएस को बताया, “येदियुरप्पा ने हालांकि कुमारस्वामी और हमारे अन्य पार्टी नेताओं को समारोह के लिए निमंत्रण भेजा है, लेकिन कई लोगों ने इससे दूर रहने का फैसला किया।”
कर्नाटक कांग्रेस विधायक दल (सीएलपी) के नेता सिद्धारमैया ने कहा, “विधानसभा भाजपा के लिए एक प्रयोगात्मक प्रयोगशाला बन गई है, जिसके पास बहुमत नहीं है। राज्यपाल सरकार बनाने के लिए असंवैधानिक तरीके अपनाते हैं।”