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डीसीपी दफ्तर के पीछे से गायब ‘हथिनी’ बरामद, ले जाने में वन-विभाग अफसर ‘हांफे’

भारी-भरकम डील-डौल वाली वह ‘लक्ष्मी’ आखिरकार मिल ही गयी, जिसने पुलिस और दिल्ली वन-विभाग को दो महीने से पसीना ला रखा था। जब तक लक्ष्मी नहीं मिल रही थी तब तक उसकी तलाश में पुलिस और वन-विभाग की टीमें दर-दर की ठोकरें खा रही थी, लेकिन मंगलवार रात जब लक्ष्मी मिली तो उसे देखकर दिल्ली वन-विभाग को पसीना आने लगा।

इस पूरे मामले में हद तो तब हो गयी जब भीमकाय शरीर की मालकिन लक्ष्मी दो दिन पहले पूर्वी दिल्ली जिला पुलिस डीसीपी के दफ्तर के पास से ही गायब हो गई। रहस्यमय हालातों में देश की राजधानी में इधर से उधर घूम रही जिस लक्ष्मी की हम बात कर रहे हैं, दरअसल वो इंसान नहीं दिल्ली की एकलौती हथिनी है।

दिल्ली हाईकोर्ट ने कई महीनों पहले इस हथिनी लक्ष्मी को पकड़ कर वन में या फिर किसी संरक्षित स्थान पर पहुंचाने का आदेश दिल्ली वन विभाग को दिया था। हाईकोर्ट के आदेश के अनुपालन में वन विभाग की टीम पूर्वी दिल्ली जिले के शकरपुर थाना इलाके में हथिनी को कब्जे में करने पहुंची।

पूर्वी दिल्ली जिला पुलिस उपायुक्त जसमीत सिंह ने बुधवार को आईएएनएस को बताया, “हथिनी लक्ष्मी को कब्जे में लेने पहुंचे वन विभाग अधिकारियों-कर्मचारियों की टीम पर हथिनी को पाल रहे परिवार ने हमला बोल दिया। सूचना पाकर मौके पर पुलिस पहुंची। वन विभाग की टीम की शिकायत पर उसी दिन हमलावरों के खिलाफ शकरपुर थाने में मामला दर्ज कर दिया गया था।”

उस घटना के बाद से वन-विभाग और हथिनी को पाल रहे परिवार के बीच चूहा-बिल्ली का खेल शुरू हो गया। वन विभाग का दावा है कि वो हथिनी की तलाश में जहां-जहां छापा मारती, हथिनी लक्ष्मी को पाल रहा परिवार उसे वहां से कहीं और ले जाता।

वन विभाग ने पूरे मामले से जब अदालत को अवगत कराया तो उसे हर हाल में हथिनी को पकड़ने की वक्त की पाबंदी दे दी गई। इसके बाद से ही वन विभाग की टीम लक्ष्मी की तलाश में हांफ रही थी। दो दिन पहले वन विभाग की टीम को पूर्वी दिल्ली के गाजीपुर और डीसीपी दफ्तर के आसपास मौजूद जंगल में हाथी का गोबर मिला। इससे तय हुआ कि, हो न हो यह गोबर लक्ष्मी का ही होगा। क्योंकि दिल्ली में बाकी 5-6 हाथियों को पकड़ कर काफी पहले ही गुजरात के संरक्षित इलाके में छोड़ा जा चुका है।

जिला पुलिस उपायुक्त कार्यालय के पास जंगल में हथिनी का गोबर मिलते ही पुलिस लक्ष्मी की तलाश में जुट गई। पूर्वी दिल्ली जिले के डीसीपी जसमीत सिंह के मुताबिक, “हथिनी को कुछ समय दिल्ली से सटे गाजियाबाद में भी छिपाकर रखे जाने की खबरें आ रही थीं। मंगलवार की रात पूर्वी दिल्ली जिला पुलिस की कई टीमें हथिनी की तलाश में यमुना खादर के जंगल में भटक रही थीं।”

जिला डीसीपी जसमीत सिंह ने आईएएनएस को आगे बताया, “मंगलवार-बुधवार की मध्य रात्रि में हमारी पुलिस टीमों ने अक्षरधाम मंदिर के पीछे और राष्ट्रमंडल खेल गांव के आसपास के जंगल में छिपाकर रखी गयी लक्ष्मी को देख लिया। उसके बाद अतिरिक्त पुलिस बल बुलाकर हथिनी के मालिक युसुफ, महावत सद्दाम और हथिनी को कब्जे में ले लिया गया।”

आईएएनएस को दिल्ली पुलिस के ही एक सूत्र ने बताया, “हथिनी, उसके मालिक और महावत को पकड़ लिये जाने की खबर आधी रात को ही दिल्ली वन विभाग को दे दी गई थी। इसके बाद भी महीनों से खाक छान रहा वन विभाग बुधवार सुबह दिल्ली के शकरपुर थाने पहुंचा।”

शकरपुर थाने में ट्रक सहित पहुंची वन-विभाग की टीम की हालत उस वक्त शर्मनाक हो गई, जब तमाम कोशिशों के बाद भी उसे भारी भरकम हथिनी को ट्रक में चढ़ाने में पसीना आ गया। कई घंटों की मशक्कत के बाद आखिरकार जैसे-तैसे वन-विभाग की टीम बबाल-ए-जान बन चुकी हथिनी को ट्रक में चढ़ाकर साथ ले गई। तब कहीं जाकर शकरपुर थाना पुलिस और पूर्वी दिल्ली जिले के कई थानों की सांस में सांस आई।

उधर जिला डीसीपी जसमीत सिंह ने आईएएनएस से कहा, “हथिनी का मालिक युनुस और उसके महावत सद्दाम को गिरफ्तार कर लिया गया है। दोनों के खिलाफ दर्ज मामले में आगे की कानूनी कार्रवाई थाना शकरपुर पुलिस कर रही है।”

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