मध्यप्रदेश की सियासत में हलचल पैदा कर देने वाले हनीट्रैप कांड से जुड़ीं युवतियां अपने शिकार को जाल में फंसाने में पूरी सतर्कता बरतती थीं। उन्होंने होटलों में रुकने के लिए कई फर्जी पहचानपत्रों का सहारा लिया, यह खुलासा पुलिस की जांच में हुआ है। इंदौर के एक इंजीनियर की शिकायत के बाद पकड़ी गईं पांच महिलाओं में से तीन और एक पुरुष तो जेल में है, मगर दो युवतियां अभी पुलिस रिमांड पर हैं। पुलिस को युवतियों से पूछताछ में पता चला कि वे इंदौर में कई बार होटल में रुक चुकी हैं। उन्होंने होटलों में कमरे भी बुक कराए। पुलिस ने जब होटल में जाकर पता किया तो वहां कमरे बुक कराने की पुष्टि हुई, मगर पुलिस के हाथ कई फर्जी पहचानपत्र हाथ लगे हैं।
पुलिस सूत्रों का दावा है कि जो दो युवतियां पुलिस रिमांड पर हैं, उन्होंने पूछताछ में माना है कि उनके पास कई फर्जी पहचानपत्र हैं, जिनका सहारा वे लेती थीं। एक युवती ने अलग-अलग नाम से दो और अन्य ने तीन कार्ड बनवाए थे। इनके सहारे वे होटलों में रुकती थीं, ताकि उनकी पहचान उजागर न हो सके।
इंदौर के इंजीनियर का वीडियो बनाए जाने के मामले में युवती ने पुलिस को बताया है कि उसने एक होटल में कमरा लिया था। उस कमरे में इंजीनियर हरभजन सिंह के आने से पहले उसने बिना सिम के आई-फोन को टेबल पर रख दिया था। उसे चार्जिग पर लगाया, वीडियो मोड चालू किया और फिर साथी को वहां छोड़कर चली गई, ताकि ऐसा लगे कि मोबाइल चार्ज हो रहा है, इसलिए वह वहां है।
पुलिस को अभी सिर्फ 15 मिनट का एक वीडियो मिला है। दूसरा वीडियो भी तलाशा जा रहा है। एक तरफ पुलिस जांच कर रही है तो दूसरी ओर करोड़ों रुपये के लेन-देन का खुलासा होने के बाद आयकर विभाग ने भी सक्रियता बढ़ा दी है। पकड़ी गई महिलाओं के पुराने रिकार्ड और लेन-देन की छानबीन की जा रही है।
पुलिस को जांच में यह भी पता चला है कि हनीट्रैप कांड में पकड़ी गई एक महिला भाजपा के शासनकाल में किशोर न्यायालय बोर्ड की सदस्य और बाल कल्याण समिति की सदस्य रह चुकी है। वहीं पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने भी एक महिला के भाजयुमो की पदाधिकारी रहने का दावा किया है। इसके अलावा एक अन्य युवती कांग्रेस से भी जुड़ी रही हैं।
पुलिस के हाथ ऐसी जानकारी लगी है कि इस गिरोह में और भी कई महिलाएं हैं, जो भोपाल में रहती नहीं हैं, मगर समय-समय पर भोपाल लाई जाती थीं। इनके फोन नंबर भी पुलिस को मिल गए हैं। पकड़ी गई महिलाओं से बरामद मोबाइल और लैपटॉप आदि से मिली जानकारी कई बड़े राज खोल सकती है। पुलिस को बड़ी संख्या में वीडियो और ऑडियो क्लिप भी मिले हैं। सौ से ज्यादा फोन नंबर भी पुलिस के हाथ लगे हैं, जिनकी जांच की जा रही है।