कोरोनावायरस से अब तक देश में पांच लोगों की मौत हो गई है। वहीं तकरीबन 200 से ज्यादा लोग इस वायरस से संक्रमित हैं। लिहाजा श्री रामजन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास ने भी एहतियातन इस संदर्भ में कई फैसले लिए हैं। ट्रस्ट ने तय किया है कि इस स्थिति में रामलला विराजमान को नई जगह पर ले जाने के कार्यक्रम को सीमित और छोटा कर रखा जाए। अब रामलला विराजमान को नई जगह पर शिफ्ट करने के कार्यक्रम में किसी को भी आमंत्रित नहीं किया जा रहा है। कार्यक्रम बेहद संक्षिप्त और छोटा होगा, इसलिए सिर्फ 50 लोग ही इस मौके पर मौजूद रहेंगे। सूत्रों के मुताबिक सिर्फ स्थानीय साधु-संत और जनप्रतिनिधि और अधिकारी ही इस कार्यक्रम में मौजूद रहेंगे।
सूत्रों के मुताबिक, “अगर कोरोना का प्रभाव अप्रैल माह तक खत्म हो गया तो भूमि पूजन का कार्यक्रम बड़ा और भव्य होगा, जिसमें प्रधानमंत्री मोदी और संघ प्रमुख मोहन भागवत मौजूद रह सकते हैं।”
इस बारे में श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि “राम जन्मभूमि पर 21 मार्च से अनुष्ठान शुरू हो जाएगा। सिर्फ यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ, स्थानीय सांसद, विधायक, मेयर, कुछ साधु-संत, विश्व हिंदू परिषद और ट्रस्ट के लोग ही 25 मार्च के कार्यक्रम में मौजूद रहेंगे। 25 मार्च का कार्यक्रम सुबह तड़के यानी ब्रह्म बेला में किया जाएगा। उसी समय रामलला को नए स्थान पर लाया जाएगा।”
सूत्रों ने जानकारी दी है कि कोरोना के असर को देखते हुए बड़ा कार्यक्रम भूमि पूजन के समय होगा। अब राम लाला के दर्शन 25 फुट की दूरी से किए जा सकेंगे। रामलला तक जाने वाले रास्ते को 150 फुट चौड़ा रखा गया है। व्हीलचेयर से भी जाने की व्यवस्था की जा रही है। भूमि पूजन का कार्यक्रम 30 अप्रैल को होगा।
यह भी बताया गया है कि देश की सभी नदियों का जल, सभी तीर्थस्थलों की मिट्टी, समुद्र का जल, समुद्र किनारे के सभी धर्मस्थल की मिट्टी और लद्दाख से सिंधु नदी का जल पूजन में इस्तेमाल में किया जाएगा। इसके लिए देश के कई भागों से मिट्टी और जल कुरियर से मंगाए गए हैं।
गौरतलब है कि रामलला विराजमान के प्रस्तावित मन्दिर के निर्माण के लिए भूमि और मिट्टी परीक्षण का काम पूरा हो चुका है। 25 मार्च को रामलला को नए स्थान पर जाने के साथ ही पूरी 70 एकड़ जमीन के समतलीकरण का काम शुरू हो जाएगा। इसके बाद ही जमीन की नपाई का काम शुरू होगा। ध्यान रहे कि रामलला विराजमान को बुलेटप्रूफ अस्थाई मंदिर में शिफ्ट किया जाएगा। मंदिर कोलकाता में बनवाया गया है और फाइबर से बना है। मंदिर में एक चबूतरा भी बनाया गया है, जिस पर भगवान राम अयोध्या में स्थाई मंदिर के निर्माण होने तक रहेंगे।