उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस से निपटने की लड़ाई में अब आयुष विभाग के अधीन आने वाले आयुर्वेद, होम्योपैथ व यूनानी डॉक्टर व पैरामेडिकल स्टाफ भी अपना योगदान देंगे। केन्द्र सरकार के निर्देशों के तहत इन्हें भी कोविड-19 के प्रोटोकॉल्स का प्रशिक्षण दिया जाएगा। आयुष मिशन के प्रबंध निदेशक राजकमल यादव ने तीनों ही विधाओं के निदेशकों को पत्र लिखकर संबंधित कार्मिकों का प्रशिक्षण कराये जाने के निर्देश दिए हैं। प्रधानमंत्री मोदी द्वारा कोविड-19 को लेकर बनाई गई टास्क फोर्स द्वारा दिए गए सुझावों के तहत आयुष पद्घति के चिकित्सकों, चिकित्सकीय सहायकों व प्रयोगशाला सहयोगियों को भी आपदा की स्थिति में जरूरी प्रशिक्षण दिलाकर तैयार रखे जाने की बात कही गई है।
मिशन निदेशक राजकमल यादव ने बताया, “भारत सरकार के निर्देशों के क्रम में आयुर्वेद, होम्योपैथ व यूनानी सेवाओं के निदेशकों को ट्रेनिंग मॉड्यूल व कोविड-19 प्रोटोकॉल्स का ब्यौरा भेज दिया गया है। साथ ही उन्हें आयुष चिकित्सालयों को भी कोविड प्रोटोकॉल्स के तहत तैयार किये जाने का निर्देश दिया गया है। जिससे आपात स्थिति में संसाधनों का उपयोग कर लोगों की मदद की जा सके।”
उन्होंने बताया कि आयुष विभाग ने जारी किए गए निर्देशों के तहत सभी श्रेणी के कार्मिकों को प्रशिक्षित करने की तैयारी शुरू कर दी है। मॉड्यूल के हिसाब से कार्मिकों को प्रशिक्षित कर कार्मिकों की जानकारी शासन को जल्द भेज दी जाएगी।
ज्ञात हो कि प्रदेश में 8 लैब में टेंस्टिंग की जा रही हैं, इनमें 459 सैंपलों की जांच की गई है। झांसी की लैब को भी जल्द काम में लेना शुरू कर दिया जाएगा। इसके अलावा प्राइवेट लैब की भी सहायता लेने का फैसला किया गया है।