धरती को भी आसमान जैसा नीला करने की अभिप्रेत
राज्य के पर्यटन विकास निगम की कई इमारतें नीले रंग की रोशनी से नहाई हुई है तो अन्य सरकारी इमारतों को भी इस रंग की रोशनी से सराबोर किया जा रहा है।
भोपाल : दुनिया में शुक्रवार को अंतर्राष्ट्रीय बाल दिवस मनाया जाएगा, बच्चों के लिए काम करने वाली संस्था यूनिसेफ ने इस बार ‘गो ब्ल्यू’ थीम के जरिए बाल अधिकार और जलवायु परिवर्तन को मुद्दा बनाया है। यूनिसेफ की थीम को मध्य प्रदेश में पर्यटन विकास निगम, प्रशासन, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के अलावा आमजन का भी साथ मिला है। यही कारण है कि आसमान की तरह जमीन को भी नीला रंग में रंगा जा रहा है।
राज्य के पर्यटन विकास निगम की कई इमारतें नीले रंग की रोशनी से नहाई हुई है तो अन्य सरकारी इमारतों को भी इस रंग की रोशनी से सराबोर किया जा रहा है। वहीं आदिवासी इलाके धार और झाबुआ के कई गांव के लेागों ने अपने आवासों को ही नीले रंग से रंग दिया है और तरह-तरह के पेड़ों के चित्र बनाकर पर्यावरण संरक्षण का संदेश देने की कोशिश कर रहे हैं।
राज्य के दो आदिवासी जिलों — धार और झाबुआ में तो ग्रामीणों ने अपने घरों को ही नीला रंग दे दिया है। धार जिले का कनेड़ीपुरा गांव के सभी 250 घर नीले रंग से रंगे गए हैं। साथ ही आकर्षक पेड़ों के चित्र भी उकेरे गए हैं और पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया गया है। इसी तरह झाबुआ जिले के गोपालपुरा के कई घर नीले रंग में तो रंगे ही हैं।
इन आदिवासी गांव में यूथ फॉर चिल्ड्रन के युवा वॉलिंटियर एवं स्वयंसेवी संस्थाओं द्वारा ब़च्चों का सहयोग किया जा रहा है। तो वहीं धार के जिलाधिकारी आलोक सिंह भी इस अभियान में सहयोग कर रहे है। धार की पर्यटन स्थली मांडू का जहाज महल और सिविल अस्पताल नीली रोशनी से जगमगाने को तैयार है और इस तरह हर बच्चों के अधिकार का समर्थन किया जा रहा है।
यूनिसेफ की गो ब्ल्यू थीम का अर्थ है नए जन्मे बच्चे की बेहतर देखभाल, टीकाकरण का संदेश, बाल विवाह रोकना, साथ ही जलवायु परिवर्तन के प्रति सतर्क व सजग रहना।
यूनिसेफ संचार के विशेषज्ञ अनिल गुलाटी का कहना है कि यूनिसेफ के गो ब्ल्यू अभियान बाल अधिकार और जलवायु परिवर्तन जैसे समग्र विषय का हिस्सा है। इस अभियान के जरिए बाल अधिकारों और जलवायु परिवर्तन जैसे प्रमुख विषयों की पैरवी के साथ समाज और बच्चों में जनजागृति लाना है।
वहीं दूसरी ओर इस मुहिम को राज्य के पर्यटन विकास निगम का भी भरपूर साथ मिला है। इसके चलते निगम ने अपनी सभी इमारतों के आगे के हिस्से पर नीले रंग की रोशनी करने का निर्णय लिया है। इसी क्रम में भोपाल नगर निगम भोपाल गेट, राजा भोज सेतु और झील सड़क को नीली रोशनी में रोशन करने जा रहा है।