दुनियाभर में शनिवार को अंतर्राष्ट्रीय शांति दिवस मनाया गया। इस मौके पर यह पता चला कि पाकिस्तान शांति के मोर्चे पर ज्यादा सुधार नहीं कर पाया है। एक अंतरराष्ट्रीय थिंक टैंक की रिपोर्ट के अनुसार, शांति पर वार्षिक वैश्विक सूचकांक में पाकिस्तान दो पायदान खिसककर 163 देशों में 153वें स्थान पर पहुंच गया है।
इंस्टीट्यूट फॉर इकोनॉमिक्स एंड पीस ने अपनी वार्षिक रिपोर्ट में शांति, इसके आर्थिक मूल्य व रुझान और शांतिपूर्ण समाज कैसे विकसित किया जाए, इस पर एक व्यापक विश्लेषण प्रस्तुत किया है।
सिडनी स्थित थिंक टैंक ने बताया कि ग्लोबल पीस इंडेक्स 2019 (जीपीआई) में वैश्विक शांति के औसत स्तर में थोड़ा सुधार हुआ है। 2008 के बाद से हालांकि शांति के इस स्तर में 3.78 फीसदी गिरावट बताई गई।
आइसलैंड दुनिया की सबसे शांतिपूर्ण जगह के रूप में सूची में शीर्ष पर बना हुआ है। वहीं दूसरी ओर सबसे हिंसक स्थानों में अफगानिस्तान और सीरिया शामिल हैं।
इस सूची में हालांकि भारत की स्थिति भी संतोषजनक नहीं है। इसमें भारत चार स्थान लुढ़ककर 163 देशों में 141वें स्थान पर पहुंच गया है। भारत, फिलीपींस, जापान, बांग्लादेश, म्यांमार, चीन, इंडोनेशिया, वियतनाम और पाकिस्तान सहित कुल नौ देश ऐसे बताए गए हैं, जिनमें जलवायु से जुड़े कई तरह के खतरे हैं। भारत में दुनिया का सातवां सबसे बड़ा प्राकृतिक खतरा बताया गया है।
दुनियाभर के अन्य महाद्वीपों के मुकाबले सबसे शांतिपूर्ण क्षेत्र यूरोप को बताया गया है। यहां के आधे देश हालांकि 2008 से शांति की इस रैंकिंग में नीचे खिसक गए हैं। आइसलैंड एकमात्र नॉर्डिक देश है, जिसने 2008 के बाद से अपनी शांति रैंकिंग में सुधार किया है।