पाकिस्तान के राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एनएबी) ने मनी लॉन्ड्रिंग और बेनामी खातों से जुड़े मामलों में सबूत जुटाने के लिए शनिवार को लाहौर के मॉडल टाउन में पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के परिवार के स्वामित्व वाले व्यावसायिक कार्यालयों पर छापामारी की। द न्यूज इंटरनेशनल की रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान मुस्लिम लीग नवाज (पीएमएल-एन) की प्रवक्ता मरियम औरंगजेब ने पुष्टि की कि एनएबी ने यह छापेमारी शनिवार की दोपहर करीब 12:30 बजे की। उन्होंने कहा कि अधिकारियों ने मॉडल टाउन में 55-के और एफ-91 स्थित कार्यालयों पर छापा मारा।
पीएमएल-एन की प्रवक्ता ने कहा कि एनएबी को सत्तारूढ़ पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के नेताओं खुसरो बख्तियार और जहांगीर तारेन की मिलों पर भी छापा मारना चाहिए। उन्होंने इस छापेमारी को सत्ताधारी पार्टी के नेताओं के स्वामित्व वाले व्यवसायों से ध्यान हटाने का प्रयास बताया।
औरंगजेब ने कहा कि पिछले 18 महीनों के दौरान जांच एजेंसी शरीफ परिवार के खिलाफ किसी भी भ्रष्टाचार को साबित करने में विफल रही है।
उन्होंने कहा कि एनएबी के अधिकारी छापेमारी करने से पहले कोई नोटिस नहीं देते हैं।
औरंगजेब ने सवाल करते हुए कहा, “उन्हें जनता को बताना चाहिए कि छापे के दौरान उन्हें क्या मिला। सरकार देश में गेहूं और चीनी संकट के पीछे जिम्मेदार लोगों को सामने क्यों नहीं ला रही है?”
शरीफ परिवार पर धन-शोधन और उसके शेयरों के अवैध हस्तांतरण के लिए चौधरी चीनी मिलों का उपयोग करने का आरोप है। एनएबी के अनुसार, ब्यूरो ने जनवरी 2018 में एक वित्तीय निगरानी इकाई (एफएमयू) रिपोर्ट प्राप्त की थी, जिसमें मनी लॉन्ड्रिंग अधिनियम के तहत चौधरी चीनी मिलों में अरबों रुपये के बड़े संदिग्ध लेनदेन का जिक्र किया गया था।
चौधरी शुगर मिल मामले में शुक्रवार को एक जवाबदेही अदालत ने पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की अदालत में पेश होने में छूट देने संबंधी याचिका को चिकित्सा आधार पर स्वीकार कर लिया था।