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कोरोना के खिलाफ लड़ाई में हिंदू समुदाय ने पाकिस्तान में संभाला मोर्चा

15 स्वयंसेवकों का एक समूह एक-दूसरे से दूरी बनाकर एक जगह इकट्ठा दिखा

पाकिस्तान में कोरोना वायरस से फैली महामारी से निपटने में अल्पसंख्यक समाज के स्वयंसेवक भी बढ़ चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं। ‘एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि कराची के पूर्वी जिले में 15 स्वयंसेवकों का एक समूह एक-दूसरे से दूरी बनाकर एक जगह इकट्ठा दिखा। इनके पास राशन था जो यह लोग गरीबों में बांटने जा रहे थे। इन्हीं में हिंदू समाज से संबंध रखने वाले सुनील हरसी भी थे। सुनील कोरोना महामारी के कारण हुए लॉकडाउन में दो वक्त की रोटी के लिए जूझ रहे गरीब श्रमिक परिवारों को मदद करने वाली कई संस्थाओं को अपना समय दे रहे हैं और लोगों के घरों तक राशन पहुंचा रहे हैं।

सुनील (32) जमाते इस्लामी से जुड़े हुए हैं और पार्टी के पार्षद भी हैं। जमाते इस्लामी की समाजसेवा शाखा अल-खिदमत फाउंडेशन के साथ वह बीते एक महीने से कराची के पूर्वी इलाके में लोगों की मदद में लगे हुए हैं। उन्होंने कहा, “हम रोज यहां इसी समय (दोपहर) आते हैं। अपनी योजना बनाते हैं। परोपकारी संस्थाओं और लोगों से एक दिन हम राशन इकट्ठा करते हैं और अगले दिन उसे जरूरतमंदों में बांटते हैं।”

सुनील और इनके साथियों पर दो झुग्गी-झोपड़ी वाली बस्तियों के लोगों को राहत पहुंचाने का जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा, “सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने के लिए हम सड़क पर लोगों को इकट्ठा नहीं करते। हम घर-घर जाकर मदद पहुंचाते हैं। मैं इसी इलाके में पला-बढ़ा हूं। मुझे अच्छी तरह पता है कि किस घर को मदद की जरूरत है और किसे नहीं।”

इसी समूह का हिस्सा,ईसाई समुदाय से संबंध रखने वाले अदनान (22) ने कहा कि उन्हें लोगों की मदद के इस काम में गर्व महसूस होता है। उन्होंने कहा कि इसके जरिए वह समाज की सेवा का गौरव हासिल कर रहे हैं और इसी के साथ-साथ अपने ईसाई समुदाय के जरूरतमंदों की मदद भी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस इलाके के दस से अधिक हिदू और ईसाई स्वयंसेवक कई धर्मार्थ संगठनों के साथ इस काम में लगे हुए हैं।

अदनान ने इस सामाजिक योगदान के लिए प्रोत्साहित करने के लिए अपने मुस्लिम दोस्तों की सराहना की। उन्होंने कहा, “मुझे गर्व है कि मैं मदद मांगने वालों में नहीं बल्कि मदद देने वालों में हूं। और, यह संभव हुआ है मेरे मुस्लिम दोस्तों के सहयोग की वजह से। उनके निस्वार्थ मदद के काम ने मुझे भी प्रोत्साहित किया।”

हिंदू समुदाय से आने वाली मानवाधिकार कार्यकर्ता सीमा महेश्वरी भी कराची के हर हिस्से में निर्धन लोगों तक राशन पहुंचा रही हैं। उनका भी कहना है कि उनके मुस्लिम साथियों का उन्हें बहुत सहयोग मिल रहा है। उन्होंने कहा, “हम हिंदू, ईसाई और अन्य अल्पसंख्यक परिवारों तक राशन तो पहुंचा रहे हैं लेकिन मुसलमान परिवारों तक भी हम जा रहे हैं। यह धर्म नहीं मानवता का मामला है।”

पाकिस्तान में सिख समुदाय की आबादी बेहद कम है लेकिन इसके बावजूद सिख समाज कोरोना से लड़ाई में आगे है। पाकिस्तान सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने कई गुरुद्वारों के कुछ हिस्सों को आइसोलेशन वार्ड में परिवर्तित कर सरकार की मदद की है।

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