पूर्व वित्तमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम को यहां की एक अदालत ने आईएनएक्स मीडिया मामले में गुरुवार को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल भेज दिया। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने पिछले महीने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता को गिरफ्तार कर उनसे पूछताछ की थी।
सीबीआई के विशेष न्यायाधीश अजय कुमार कुहर ने चिदंबरम को गुरुवार को अदालत में हुई उनकी पेशी के बाद 14 दिनों की हिरासत में भेज दिया।
चिदंबरम ने अदलात से कहा कि वह जेड-श्रेणी की सुरक्षा के साथ उस सेल में रहना चाहते हैं, जहां एक बिस्तर, दवाओं की सुविधा, बाथरूम और पश्चिमी शैली वाला शौचालय हो। अदालत ने उनके आवेदन को स्वीकार कर लिया और उन्हें ऐसे सेल में रहने की अनुमति दे दी।
आईएनएक्स मीडिया से ही संबंधित एक मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के समक्ष आत्मसमर्पण करने की अनुमति मांगने के लिए चिदंबरम ने अदालत में एक और आवेदन दिया है। अदालत ने संबंधित एजेंसी को नोटिस जारी किया और इस पर अब सुनवाई 12 सितंबर को होगी।
सुनवाई के दौरान चिदंबरम के वकील कपिल सिब्बल ने कहा, “मेरे खिलाफ कुछ नहीं मिला है। अगर मैं शक्तिशाली व्यक्ति हूं और गवाहों को प्रभावित कर सकता हूं, तो उन्हें मेरे खिलाफ सबूतों से छेड़छाड़ करने के या गवाहों को प्रभावित करने के साक्ष्य लाने चाहिए।”
उन्होंने कहा, “संभावित और आशंका के चलते मुझे न्यायिक हिरासत में जाने को नहीं कहा जा सकता है।”
इस पर प्रतिक्रिया देते हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा, “क्या आप जमानत को लेकर बहस कर रहे हैं?”
इस पर सिब्बल ने कहा, “मैं इस आधार पर बहस कर रहा हूं कि आप किन मुद्दों पर न्यायिक हिरासत की मांग कर रहे हैं। यह मूल रूप से अपमानजनक है। इसका प्रमाण दिया जाना चाहिए।”
मेहता ने कहा, “जहां तक ईडी के मामले का सवाल है, सुप्रीम कोर्ट ने छेड़छाड़ के मौके को स्वीकार किया है। सबूतों के साथ छेड़छाड़ की प्रबल संभावनाएं हैं।”