राजस्थान की कोटा-बूंदी लोकसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद ओम बिड़ला बुधवार को 17वीं लोकसभा के निर्विरोध अध्यक्ष चुने गए। उन्हें राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) ने अपना उम्मीदवार बनाया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सदन में बजट सत्र के तीसरे दिन बिड़ला (56) के समर्थन में प्रस्ताव पेश किया, जिसे ध्वनिमत से पारित कर दिया गया।
बिड़ला को अध्यक्ष बनाने के राजग के प्रस्ताव को राजग के सभी दलों के साथ-साथ कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस ने भी समर्थन दिया।
प्रधानमंत्री खुद बिड़ला को लोकसभा अध्यक्ष की कुर्सी तक ले गए। तीन बार विधायक भी रह चुके बिड़ला मध्य प्रदेश के कोटा से दूसरी बार सांसद निर्वाचित हुए हैं।
इस प्रतिष्ठित पद के लिए भाजपा ने सबको चौंकाते हुए बिड़ला को नामित किया था।
संसद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिड़ला के निर्विरोध निर्वाचन को महान गर्व का विषय बताया।
मोदी ने कहा, “सदन के लिए यह महान गर्व की बात है। सर्वसम्मति से लोकसभा अध्यक्ष चुने जाने पर हम बिड़ला जी को बधाई देते हैं। कई सांसद बिड़ला जी को अच्छी तरह जानते हैं। सार्वजनिक सेवा उनकी राजनीति का केंद्र बिंदु रही है।”
उन्होंने कहा, “मुझे व्यक्तिगत रूप से बिड़ला जी के साथ लंबे समय तक काम करने का अनुभव याद है। वे कोटा के प्रतिनिधि हैं। शिक्षा और अध्ययन की भूमि कोटा मिनी इंडिया है। वे कई सालों से सार्वजनिक जीवन में हैं। उन्होंने छात्र नेता के रूप में शुरूआत की। तब से निर्बाध रूप से समाजसेवा कर रहे हैं।”
बिड़ला के समर्थन में कुल 13 प्रस्ताव पेश किए गए।
मंगलवार को लोकसभा में कांग्रेस के नेता नियुक्त किए गए अधीर रंजन चौधरी ने बिड़ला से आग्रह किया कि सदन को लोकतांत्रिक परंपराओं का पालन करना चाहिए।
चौधरी ने कहा, “हम चर्चा, असहमति और निर्णय में विश्वास करते हैं। हमें अपने अधिकारों के सम्मान की अपेक्षा है। संसदीय चर्चाओं में, हमें अध्यादेश लागू करने वाले मार्ग को नजरंदाज करना होगा क्योंकि यह लोकतांत्रिक नियमों के खिलाफ है।”