संसद में विवादस्पद राफेल सौदे पर तीखी बहस के एक दिन बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने शनिवार को इस मुद्दे पर कहा कि रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण दो घंटे तक सदन में बोलीं लेकिन उनके द्वारा पूछे गए दो सवालों का जवाब अभी तक नहीं दिया। राहुल की टिप्पणी तब आई जब उन्होंने अपने ट्विटर अकाउंट पर राफेल सौदे पर संसद में हुई बहस का एक ‘संपादित’ वीडियो साझा किया। वीडियो में, वह दो सवाल उठाते नजर आ रहे हैं : हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) से किसने अनुबंध छीन लिया, और क्या भारतीय वायु सेना (आईएएफ) के अधिकारियों ने सौदे में बदलाव पर आपत्ति जताई थी।
सीतारमण और भारतीय जनता पार्टी के अन्य मंत्रियों को सवालों के जवाब में चुपचाप बैठे दिखाया गया है।
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, “इस वीडियो को देखें और साझा करें। हर भारतीय को प्रधानमंत्री और उनके मंत्रियों से ये सवाल पूछने दीजिए।”
राहुल ने शुक्रवार को कहा था कि सीतारमण ने विवादास्पद राफेल सौदे पर उनके सवालों को टाल दिया और जब उनसे पूछा गया कि क्या भारतीय वायु सेना ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा सौदे से ‘दो मिनट’ पहले किए गए बदलावों पर आपत्ति जताई थी, जिस सौदे को लेकर आठ सालों से वार्ता हो रही थी, तो वह भाग गईं।
राहुल ने कहा, “सवालों के जवाब देने के बजाय, उन्होंने नाटक करना शुरू कर दिया-‘अरे मेरा अपमान हुआ। मुझे झूठा बताया।’ मेरा सरल सवाल था कि वायुसेना प्रमुख, रक्षामंत्री, सचिव और वायुसेना के अधिकारियों द्वारा लंबे समय से चल रही लंबी बातचीत के बाद क्या जिन्होंने पूरी बातचीत की, उन्होंने (प्रधानमंत्री) नरेंद्र मोदी द्वारा सौदे की बाइपास सर्जरी करने पर आपत्ति जताई थी।”
सीतारमण ने राफेल सौदे में भ्रष्टाचार के सभी आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया और शुक्रवार को लोकसभा में दसॉ पर एक बहस के दौरान अपने ढाई घंटे के जवाब में कहा, “बोफोर्स एक घोटाला था, लेकिन राफेल राष्ट्रीय हित में लिया गया एक निर्णय था। राफेल एक नए भारत का निर्माण करने और भ्रष्टाचार हटाने के लिए मोदी को (सत्ता में) वापस लाएगा।”