सर्वोच्च न्यायालय ने छुट्टी पर भेजे गए सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा पर लगे आरोपों की जांच की निगरानी के लिए शुक्रवार को सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश ए.के.पटनायक की नियुक्ति की। सर्वोच्च न्यायालय ने साथ ही मामले की जांच को पूर्ण करने के लिए केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) को दो सप्ताह का समय दिया।
प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति एस.के.कौल व न्यायमूर्ति के.एम.जोसेफ की पीठ ने कहा कि जांच कैबिनेट सचिव के सीवीसी को दिए गए नोट में निहित आरोपों पर की जाएगी।
अटॉर्नी जनरल के.के.वेणुगोपाल ने अदालत से कहा कि जांच सिर्फ आलोक वर्मा पर लगे आरोपों पर ही नहीं होनी चाहिए, बल्कि सीबीआई के विशेष निदेशक राकेश अस्थाना के खिलाफ आरोपों पर भी होनी चाहिए।
प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई ने कहा, “हम सिर्फ वर्मा से संबद्ध हैं।”
अदालत ने अंतरिम निदेशक एम.नागेश्वर राव से रूटीन के अलावा कोई नीतिगत या प्रमुख फैसला नहीं लेने को भी कहा है।
अदालत ने राव द्वारा प्रभार संभालने से लेकर आज सुनवाई तक सभी फैसलों को सीलबंद लिफाफे में 12 नवंबर तक अदालत में जमा करने का निर्देश दिया।
अदालत ने कहा कि वह राव के फैसलों को पलट या बनाए रख सकती है।