प्रतिष्ठित मराठी फिल्म ‘वंदे मातरम’ (1948) के कुछ दुर्लभ फुटेज को नेशनल अर्काइव ऑफ इंडिया (एनएफएआई) को सौंपा गया। इसमें दिग्गज लेखक और नाटककार पी.एल.देशपांडे और उनकी पत्नी सुनीता मुख्य भूमिकाओं में थे। एक अधिकारी ने यहां मंगलवार को इसकी सूचना दी।
एक वीएचएस कैसेट में इस फिल्म की लगभग 35 मिनट की एक फुटेज थी जिसे देशपांडे के भतीजे दिनेश ठाकुर और फिल्म इतिहासकार सतीश जकातदार द्वारा एनएफएआई को दान में दे दिया गया।
इस कैसेट के अलावा दो यू-मैटिक टैप भी थे जिसमें देशपांडे के हारमोनियम बजाने का लगभग एक घंटे का लंबा दुर्लभ फुटेज था।
एनएफएआई के निदेशक प्रकाश मगदूम ने कहा, “हम फिल्म के फुटेज को प्राप्त कर खुश हैं जिसे खोया हुआ माना जा रहा था। यह एक सुखद संयोग है कि देशपांडे और फिल्म के संगीतकार सुधीर फड़के दोनों के जन्म शताब्दी वर्ष में इस फुटेज को पाया गया।”
देशपांडे दक्षिण मुंबई के गिरगांव के एक चॉल में 8 नवंबर, साल 1919 को पैदा हुए जबकि फड़के का जन्म कोल्हापुर के रियासती राज्य में 25 जुलाई, 1919 को हुआ था।
भारत की आजादी के एक साल बाद फिल्म ‘वंदे मातरम’ रिलीज हुई थी जिसे जाने-माने फिल्म निर्माता राम गबाले ने निर्देशित किया था जिन्होंने बाद में रिचर्ड एटनबरो की ऑस्कर विजेता फिल्म ‘गांधी’ (1982) के निर्माण में अपना सहयोग प्रदान किया।
ऐतिहासिक दृष्टिकोण से इस फिल्म को बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। यह फिल्म भारत के स्वतंत्रता संग्राम के संघर्षो पर आधारित थी। इसकी स्क्रिप्ट, इसके संवाद और इसके गीतकार महान लेखक गजानन दिगंबर माडगूलकर थे जिनका जन्म 1 अक्टूबर, 1919 को सांगली में हुआ था।
एनएफएआई को ‘वंदे मातरम’ के बाकी बचे फुटेज के मिलने की उम्मीद है और इसके साथ ही एनएफएआई ने सिनेमाप्रेमियों से अपील की है कि इस तरह की दुर्लभ चीजों को लेकर वे भी आगे आए जिन्हें भावी पीढ़ियों के लिए संरक्षित किया जा सके।