कोरोनावायरस संक्रमण की रोकथाम के मद्देनजर देशव्यापी लॉकडाउन ने राजस्थान में फूलों की खेती करने वालों और फूल व्यापारियों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। देशभर में लागू लॉकडाउन के चलते फूलों को खुले खेतों में यू ही मरने के लिए छोड़ दिया गया है, जिसके चलते फूल व्यापारियों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है।
जयपुर के गोपाल लाल सैनी का परिवार पीढ़ियों से इस व्यवसाय में रहा है। उन्होंने आईएएनएस से कहा, “नवरात्रि और रामनवमी के उत्सव के दौरान जयपुर में प्रतिदिन आठ से दस लाख रुपये के फूलों का कारोबार होता रहा है। व्यापार के लिए अप्रैल में होने वाली शादियों का मौसम एक बड़े उपहार के समान रहता है।”
उन्होंने आईएएनएस से आगे कहा, “लॉकडाउन के चलते फूलों की खेती कर रहा किसान गुलाब, गेंदा और चमेली के फूलों को नहीं तोड़ रहे हैं। उन्हें खेतों में मरने के लिए छोड़ दिया गया है।”
गोपाल लाल सैनी ने कहा, “जयपुर में और उसके आसपास, लगभग 30 हजार परिवार अपनी आजीविका के लिए फूलों के व्यापार पर निर्भर हैं लेकिन लॉकडाउन के कारण, पूरा सीजन सूखा रहा है।”
उन्होंने राज्य के अन्य हिस्सों में फूलों के कारोबारियों और व्यापारियों के भाग्य को लेकर भी चिंता व्यक्त की।
मीना फ्लावर की दुकान चलाने वाली केसी मीना ने कहा कि कोरोनावायरस संकट से फूल उत्पादकों और व्यापारियों को करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ है।
उन्होंने कहा, “नवरात्रि के नौ दिनों में हम बड़ी मात्रा में कारोबार करते थे लेकिन इस साल कोई व्यापार नहीं हुआ।”
मीना ने कहा, “हमें नवरात्रि के दौरान लगभग 5 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। हालांकि, शादियों के रद्द होने के चलते हुए नुकसान का मूल्यांकन किया जाना अभी बाकी है।”