केंद्र सरकार ने गुरुवार को कहा कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के तहत राजस्व संग्रह अक्टूबर में एक लाख करोड़ रुपये के पार हो गया।
इसमें 94,442 करोड़ रुपये के सितंबर के जीएसटी संग्रह (अगस्त के लिए) से उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।
बयान में कहा गया कि अक्टूबर (सितंबर के लिए) में संग्रह किया गया कुल जीएसटी राजस्व 1,00,710 करोड़ रुपये रहा।
यह दूसरी बार है कि जीएसटी संग्रह एक लाख करोड़ रुपये के पार हुआ है।
इससे पहले अप्रैल में (मार्च महीने का) जीएसटी संग्रह एक लाख करोड़ रुपये पार कर गया था, तब इसका श्रेय वित्तीय वर्ष का आखिरी महीना होने को दिया गया था। इस दौरान संग्रह आम तौर पर अधिक रहता है, क्योंकि लोग पहले के कुछ महीनों के बकाए का भी भुगतान करते हैं।
वित्त मंत्री जेटली ने अक्टूबर में कर संग्रह में वृद्धि का श्रेय, निम्न कर दर व उच्च अनुपालन को दिया।
उन्होंने ट्वीट किया, “जीएसटी संग्रह अक्टूबर, 2018 में एक लाख करोड़ रुपये के पार हो गया है। जीएसटी की सफलता कम दरों, कम चोरी, उच्च अनुपालन, सिर्फ एक कर व कर अधिकारियों के बेहद कम हस्तक्षेप की वजह से है।”
सरकार ने कहा कि कुल जीएसटी राजस्व में से 16,464 करोड़ रुपये केंद्रीय-जीएसटी (सीजीएसटी) के रूप में व 22,826 करोड़ रुपये राज्य जीएसटी (एसजीएसटी) के रूप में व 53,419 करोड़ रुपये एकीकृत-जीएसटी (आईजीएसटी) के रूप में व 8000 करोड़ रुपये उपकर के रूप में संग्रह किए गए हैं।
बयान में कहा गया, सरकार ने आईजीएसटी से सीजीएसटी को 17,490 करोड़ रुपये और एसजीएसटी को 15,107 करोड़ रुपये चुकाए हैं, ऐसा सरकार ने नियमित निपटान के तहत किया है। इसके बाद केंद्र के पास मौजूद बाकी के आईजीएसटी से 30,000 करोड़ रुपये चुकाए गए हैं।”
बयान में कहा गया, “कुल कर संग्रह में असामान्य वृद्धि हासिल करने वाले राज्यों में केरल (44 फीसदी), झारखंड (20 फीसदी), राजस्थान (14 फीसदी), उत्तराखंड (13 फीसदी) व महाराष्ट्र (11 फीसदी) शामिल हैं।”