भारतीय क्रिकेट टीम ने गुरुवार को धमाकेदार प्रदर्शन करते हुए ग्रीनफील्ड अंतर्राष्ट्रीय स्टेडियम में खेले गए सीरीज के निर्णायक मैच में वेस्टइंडीज को नौ विकेट से हराते हुए पांच मैचों की सीरीज 3-1 से अपने नाम कर ली। भारत ने बल्ले और गेंद दोनों से अपना वर्चस्व दिखाते हुए विंडीज को पस्त किया। टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने उतरी मेहमान टीम 31.5 ओवरों में सिर्फ 104 रन ही बना सकी। भारत ने इस बेहद आसान से लक्ष्य को 14.5 ओवरों में एक विकेट खोकर हासिल कर लिया।
यह वेस्टइंडीज का भारत के खिलाफ वनडे में सबसे कम स्कोर है। इससे पहले उसने 27 अप्रैल 1997 में पोर्ट ऑफ स्पेन नें वनडे में भारत के खिलाफ 121 रन बनाए थे।
भारत ने सीरीज का पहला मैच जीत था। दूसरा मैच टाई रहा और तीसरे मैच में विंडीज ने जीत हासिल करते हुए सीरीज 1-1 से बराबरी पर ला दी थी। भारत ने चौथा वन डे जीता और 2-1 की बढ़त ली। अगर इस पांचवे वनडे में वेस्टइंडीज की टीम जीतती तो सीरीज 2-2 से बराबरी पर छूटती लेकिन ऐसा नहीं हुआ और भारतीय टीम ने धमाकेदार प्रदर्शन के साथ यह मैच जीता और सीरीज 3-1 से अपने नाम कर ली।
गेंदबाजी में भारत के हीरो चार विकेट लेने वाले रवींद्र जडेजा रहे। सलामी बल्लेबाज रोहित शर्मा ने टीम के लिए सबसे ज्यादा नाबाद 63 रन बनाए। रोहित ने अपनी पारी में 56 गेंदों का सामना किया और पांच चौकों के अलावा चार शानदार छक्के लगाए। जडेजा को मैन ऑफ द मैच चुना गया। सीरीज में दो शतक और दो अर्धशतक लगाने वाले रोहित को प्लेयर ऑफ द सीरीज का खिताब मिला।
आसान से लक्ष्य का पीछा करने उतरी भारतीय टीम का एक मात्र विकेट शिखर धवन (6) के रूप में छह के कुल स्कोर पर गिरा। वह ओशाने थॉमस की गेंद पर छक्का मारकर आउट हुए। यहां से रोहित और कप्तान विराट कोहली (नाबाद 33) ने 99 रनों की साझेदारी करते हुए टीम को जीत दिलाई। कोहली ने अपनी पारी में 29 गेंदों का सामना किया और छह चौके मारे।
इससे पहले, भारतीय गेंदबाजों ने वेस्टइंडीज के बल्लेबाजों का रन बनाना मुश्किल कर दिया। जडेजा ने 9.5 ओवरों में 34 रन देकर चार विकेट लिए। खलील अहमद ने सात ओवरों में एक मेडन के साथ 29 रन दिए और दो विकेट अपने नाम किए। जसप्रीत बुमराह सबसे किफायती रहे। उन्होंने छह ओवरों में 11 रन देकर दो विकेट लिए और एक मेडन ओवर भी फेंका। कुलदीप ने पांच ओवरों में महज 18 रन खर्च किए और एक विकेट लिया। भुवनेश्वर ने चार ओवरों में 11 रन देकर एक विकेट अपने नाम किया।
इन सभी के आगे विंडीज के सिर्फ तीन बल्लेबाज ही दहाई के आंकड़े तक पहुंच सके। कप्तान जेसन होल्डर ने सबसे ज्यादा 25 रन बनाए। टीम के सबसे अनुभवी बल्लेबाज मार्लन सैमुएल्स ने 24 रनों का योगदान दिया। रोवमैन पावेल ने 16 रन बनाए।
मेहमान टीम ने अपना पहला विकेट पहले ही ओवर की चौथी गेंद पर खो दिया था। केरन पावेल को भुवनेश्वर ने विकेट के पीछे महेंद्र सिंह धोनी के हाथों कैच कराया। केरन जब आउट हुए तब टीम का खाता भी नहीं खुला था।
अगले ओवर में बुमराह ने शाई होप (0) को बोल्ड कर वेस्टइंडीज को बड़ा झटका दिया। पावेल और सैमुएल्स ने कुछ समय विकेट पर बिताते हुए टीम का स्कोर 36 तक पहुंचाया। यहां जडेजा ने सैमुएल्स का विकेट लेकर उनकी पारी का अंत किया।
जडेजा ने ही शिमरोन हेटमायेर (9) को आउट किया। खलील ने 57 के कुल स्कोर पर पावेल को पवेलियन भेज विंडीज टीम को पांचवां झटका दिया।
आधी टीम पवेलियन लौट चुकी थी और उसके बड़े स्कोर की उम्मीदें भी खत्म हो गई थीं। बुमराह ने फाबियान एलेन को आउट कर अपना दूसरा विकेट हासिल किया। होल्डर, खलील का शिकार बने। किमो पॉल को 94 के कुल स्कोर पर आउट कर कुलदीप ने अपना खाता खोला। जडेजा ने केमर रोच (5) और फिर ओशाने थॉमस (0) को आउट कर विंडीज की पारी का अंत किया।