टिक-टॉक को लेकर ताजा घटना क्रम में यहां के सरकारी गांधी अस्पताल के दो जूनियर डॉक्टरों को शुक्रवार को निलंबित कर दिया गया।
अस्पताल में शूट हुए वीडियो के वायरल होने के बाद यह कार्रवाई की गई है।
फिजियोथेरेपी विभाग के डॉक्टरों ने अस्पताल के अंदर वीडियो को शूट किया और वीडियो शेयरिंग प्लेटफॉर्म पर पोस्ट किया था।
अस्पताल प्रशासन ने उन्हें अस्पताल में गैरजिम्मेदाराना व्यवहार करने का दोषी पाया, जहां हजारों लोग इलाज के लिए आते हैं।
घटना पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए अस्पताल के अधिकारियों ने डॉक्टरों को निलंबित करने के साथ-साथ फिजियोथेरेपी विभाग के इंचार्ज को भी नोटिस भेजा है। विभाग ने भी घटना के संबंध में जांच के आदेश दे दिए हैं।
अस्पताल के अधिकारियों ने साफ किया कि दोनों डॉक्टर गांधी मेडिकल कॉलेज के नहीं हैं बल्कि दूसरे कॉलेज से हैं। वह यहां केवल इंटर्नशिप कर रहे थे।
इस महीने सरकार द्वारा संचालित संस्थान में इस तरह की यह दूसरी घटना है।
इस महीने के शुरू में खम्मम नगर निगम के सात संविदा कर्मचारियों को कार्यालय में उनके टिक-टॉक वीडियो शूट के बाद वेतन कटौती का सामना करना पड़ा था।
19 जुलाई की दूसरी घटना में तेलंगाना के गृह मंत्री मोहम्मद महमूद अली का पाता फुरकान अहमद अपने दोस्त के साथ एक टिक-टॉक वीडियो में दिखाई दिया था।
पुलिस महानिदेशक के नाम से पंजीकृत और मंत्री के काफिले की एक आधिकारिक गाड़ी पर बैठकर उन्होंने टिक-टॉक के लिए वीडियो शूट किया था।
अहमद के दोस्त ने तेलुगू फिल्म ‘डॉन’ के एक दृश्य को दोहराते हुए वीडियो शूट किया था, जिसमें उसे एक पुलिस अधिकारी का गला काटने की धमकी देते हुए सुना जा सकता है।
बाद में अपने पोते की हरकत के लिए गृह मंत्री ने माफी मांगी।