राजस्थान के वन विभाग के अधिकारियों ने सात दिनों की मशक्कत के बाद एक आदमखोर चीते को करौली जिला में पकड़ लिया है। यह चीता फरवरी के बाद से तीन आदमियों को मार चुका है। आठ महीने के टी-104 चीते ने सबसे पहले फरवरी में कुंडेरा रेंज में आने वाले पडली गांव में मुन्नी देवी की हत्या कर दी। इसके बाद उसने पिछले महीने कैला देवी वन क्षेत्र में रूप सिंह को मार डाला। इसके बाद हाल ही में उसने 11 सितंबर को अपनी झोपड़ी में सो रहे पिंटू माली पर हमला कर उसकी हत्या कर दी।
चीता को जयपुर, कोटा, सवाई माधौपुर और करौली में पकड़ने के लिए राज्य में वन विभाग की कई टीमें बनाई गईं।
बुधवार रात करौली के चिनवारी वन क्षेत्र में चीता के पकड़े जाते ही उसे बेहोश कर दिया गया।
चीते को पकड़ने वाले अधिकारियों को ग्रामीणों के प्रदर्शन का भी सामना करना पड़ा। क्षेत्र में इन किसानों के प्रवेश पर रोक लगा दी गई थी क्योंकि इन किसानों ने धमकी दी थी कि अगर वन विभाग के अधिकारी चीता को पकड़ने में असफल होते हैं तो वे चीता को मार डालेंगे।
रणथंभौर राष्ट्रीय उद्यान के प्रमुख वन संरक्षक मनोज पाराशर ने कहा, “बाघ को राष्ट्रीय उद्यान के भीड वन क्षेत्र में एक बाड़े में छोड़ा जाएगा।”