कई दिनों की जद्दोजहद के बाद अंतत: स्वामी चिन्मयानंद को शुक्रवार सुबह गिरफ्तार कर लिया गया। चिन्मयानंद को उनके ही कॉलेज की छात्रा और उसके पिता द्वारा दर्ज कराए गए यौन उत्पीड़न और दुष्कर्म के मामले में गिरफ्तार किया गया है। गिरफ्तारी स्वामी के ही मुमुक्ष आश्रम से हुई बताई जा रही है।
आईएएनएस से बात करते हुए एसआईटी टीम मेंबर पुलिस अधीक्षक भारती सिंह ने स्वामी चिन्मयानंद की गिरफ्तारी की पुष्टि की है।
समर्थकों के विरोध के बावजूद एसआईटी उन्हेें उन्हें गिरफ्तार कर ले गई और उन्हें मेडिकल जांच के लिए अस्पताल ले जाया गया। है।
उन्होंने बताया कि चिन्मयानंद को शुक्रवार सुबह उनके मुमुक्षु आश्रम से गिरफ्तार किया गया है।
सूत्रों के मुताबिक, “गिरफ्तारी एसआईटी की टीम द्वारा की गई है। गिरफ्तारी से पूर्व चिन्मयानंद के सहयोगियों और समर्थकों ने खासा विरोध भी किया। पहले से हर बाधा से निपटने को तैयार एसआईटी ने मगर चिन्मयानंद की गिरफ्तारी के विरोध को विफल कर दिया।”
फिलहाल एसआईटी आरोपी से पूछताछ में जुटी है।
उल्लेखनीय है कि कई दिन से एसआईटी की जांच पर सवालिया निशान लगाए जाने लगे थे। वजह थी तमाम गवाह सबूतों की मौजूदगी के बाद भी आरोपी स्वामी की गिरफ्तारी न होना।
दो दिन पहले ही पीड़िता ने अदालत में धारा 164 के तहत बयान दर्ज कराए थे। तभी आशंकाएं प्रबल होने लगी थीं कि, चिन्मयानंद की गिरफ्तारी कभी भी हो सकती है। उधर पीड़िता के अदालत में बयान दर्ज कराते ही आरोपी चिन्मयानंद कथित बीमारी के चलते अस्पताल में भर्ती हो गया था।
दूसरी ओर स्वामी को गिरफ्तार न किए जाने से नाराज पीड़ित छात्रा ने कुछ घंटे पहले ही धमकी दी थी कि अगर आरोपी अब भी गिरफ्तार नहीं किया गया तो वो आत्महत्या कर लेगी।
सूत्र बताते हैं कि पीड़िता की इस धमकी के बाद ही एसआईटी की जांच में अचानक तेजी आ गई। जिसका परिणाम एसआईटी द्वारा स्वामी की गिरफ्तारी के रूप में सामने आया है।
उल्लेखनीय है कि, स्वामी पर उनके ही कॉलेज में पढ़ने वाली कानून की एक छात्रा ने दुष्कर्म और ब्लैकमेलिंग का आरोप लगाया था। बाद में सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट की दो सदस्यीय विशेष पीठ गठित करवा कर पूरे मामले की जांच के लिए एसआईटी गठित करने का निर्देश दिया था। स्वामी को गिरफ्तार करने वाली एसआईटी टीम का नेतृत्व यूपी पुलिस के महानिरीक्षक नवीन अरोरा कर रहे हैं।