कभी कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे ज्योतिरादित्य सिंधिया और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बीच आखिर किस नेता ने ‘डील’ कराई? पर्दे के पीछे वह कौन था, जिसने भाजपा आलाकमान तक ज्योतिरदित्य सिंधिया की बात पहुंचाई? आखिरकार वह कौन है, जिस पर पार्टी हाईकमान इतना भरोसा करती है, जिसके भरोसे मध्यप्रदेश में भाजपा ने ‘ऑपरेशन लोटस’ चलाया?
इस तमाम सवालों से पर्दा अब हट गया है। ज्योतिरादित्य को भाजपा तक लाने और फिर गृहमंत्री अमित शाह व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक पहुंचाने वाले कोई और नहीं, बल्कि भाजपा प्रवक्ता जफर इस्लाम हैं।
जफर इस्लाम मीडिया के लिए जाना पहचाना चेहरा हैं। टीवी चैनलों पर डिबेट में वह हर रोज भाजपा का बचाव करते हैं। राजनीति में आने से पहले जफर इस्लाम एक विदेशी बैंक के लिए काम करते थे और लाखों रुपये का वेतन पाते थे। मोदी की राजनीति से प्रभावित होकर जफर इस्लाम ने भाजपा से अपनी राजनीतिक पारी की शुरुआत की। माना जाता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से जफर इस्लाम के अच्छे ताल्लुकात हैं। शायद यही वजह है कि मृदुभाषी और बेहद शालीन व्यक्तित्व के धनी जफर इस्लाम को भाजपा हाईकमान ने इतना बड़ा ऑपरेशन चलाने की जिम्मेदारी दी।
जफर कांग्रेस के बागी नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया को पहले से जानते रहे हैं। सिंधिया जब कभी दिल्ली में रहते थे, तो उनसे जफर की मुलाकात अक्सर हो जाया करती थी। लेकिन जफर पिछले पांच माह से ज्योतिरदित्य को भाजपा में लाने के सिलसिले में उनसे मिल रहे थे।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, हाल ही के समय में ज्योतिरदित्य और जफर की लगातार पांच बैठकें हुई थीं। खुद ज्योतिरदित्य सिंधिया ने अपनी तरफ से पेशकश की थी। इस पेशकश को जफर इस्लाम ने ही पार्टी आलाकमान तक पहुंचाया। इसके बाद ज्योतिरादित्य को भाजपा में लाने की कवायद और मध्यप्रदेश में ‘ऑपरेशन लोटस’ की पटकथा लिखी गई।
इस पूरे ऑपरेशन में भाजपा की तरफ से सिर्फ लॉजिस्टिक और अन्य सहायता दी गई। पूरा ऑपरेशन ज्योतिरदित्य के मुताबिक ही चला।
यहां तक कि सोमवार और मंगलवार को ज्योतिरादित्य सिंधिया की प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात के वक्त भी जफर 7, लोक कल्याण मार्ग पर मौजूद थे। मंगलवार को जब गृहमंत्री अमित शाह ज्योतिरदित्य सिंधिया को लेकर प्रधानमंत्री आवास पहुंचे थे तो उस समय भी जफर इस्लाम गृहमंत्री अमित शाह की गाड़ी में मौजूद थे।