कोरोनावायरस से बचाव और रोकथाम में साफ हाथ काफी मददगार साबित हो सकते हैं। यही कारण है कि अब देश के सबसे बड़े अस्पताल एम्स के निदेशक ने कोरोनावायरस से बचने के लिए आम लोगों को हाथ धोने का पूरा तरीका बताया है। एम्स (दिल्ली) के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया के मुताबिक सही तरीके से हाथ धोने पर कोरोनावायरस से बचा जा सकता है। उन्होंने कहा, “बाहर से आते ही हाथ अच्छी तरह साबुन से साफ किए जाने चाहिए। हाथ धोने का जो सही तरीका है उसका अनुसरण करें। अपनी हथेलियों को सही तरीके से साबुन लगाकर मलें, इसके बाद हथेली के पिछले हिस्से को सही तरीके से साबुन से साफ करें, अंगुलियों के बीच का जो हिस्सा है, उस पर भी अच्छी तरह से साबुन लगाकर उसे साफ करें।”
डॉ. गुलेरिया ने आगे कहा, “उंगलियों के बाद दोनों हाथों के नाखूनों को भी खूब अच्छी तरह से साबुन से साफ करना चाहिए। नाखूनों, अंगूठे और कलाई तक दोनों हाथों को अच्छी तरह से साबुन लगाकर पानी से धोएं।”
डॉक्टर गुलेरिया के मुताबिक, इस तरह हाथ धोने और स्वच्छ रहने पर कोरोनावायरस के खतरे को टाला जा सकता है। उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति में जबकि आपके पास साबुन उपलब्ध नहीं है अथवा आप यात्रा कर रहे हैं तब सैनिटाइजर का इस्तेमाल हाथ साफ रखने के लिए कर सकते हैं।
वहीं, कोरोनावायरस की रोकथाम के मद्देनजर दिल्ली सरकार ने आम नागरिकों को कुछ दिन भीड़ से बचने की सलाह दी है। दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने दिल्ली की जनता को आश्वस्त करते हुए कहा, “सतर्कता बरतने से कोरोनावायरस का खतरा 100 फीसदी टाला जा सकता है।”
सैनिटाइजर और मास्क को लेकर दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने एम्स एवं अन्य अस्पतालों के डॉक्टरों की राय से सहमति जताई है। उन्होंने मास्क और हैंड सैनिटाइजर को आम लोगों के लिए गैरजरूरी बताया है। जैन ने कहा, “मास्क केवल चिकित्सकों और स्टाफ के लिए आवश्यक है। चिकित्सकों के अलावा जो व्यक्ति सर्दी-खांसी, जुकाम-बुखार जैसी तकलीफों से जूझ रहे हैं, वे भी मास्क का इस्तेमाल कर सकते हैं।”
जैन ने कहा कि मास्क से कोरोनावायरस का कोई उपचार नहीं होता है। इसी तरह हैंड सैनिटाइजर को लेकर भी सत्येंद्र जैन ने अपनी राय दी है। उन्होंने कहा, “सामान्य व्यक्ति अपनी आंख, नाक और मुंह को छूने से पहले हर बार साबुन से हाथ धोए। यदि आप ऐसा करते हैं तो कोरोनावायरस से 100 फीसदी आपका बचाव संभव है।”
सत्येंद्र जैन ने कहा, “हैंड सैनिटाइजर डॉक्टर और चिकित्सा में शामिल स्टाफ के लिए आवश्यक है, क्योंकि हर रोगी की जांच के उपरांत डॉक्टर बार-बार साबुन से हाथ धोने नहीं जा सकते, इसीलिए वे हैंड सैनिटाइजर का इस्तेमाल करते हैं।”
उन्होंने कहा, “जिस प्रकार का बचाव हैंड सैनिटाइजर से होता है, वैसी ही सुरक्षा हाथ धोने पर भी हासिल की जा सकती है।”