उत्तर प्रदेश के बागपत में गुरुवार देर शाम यमुना में एक दर्जन से अधिक लोगों (ज्यादातर महिलाओं) को ले जा रही एक नाव पलटने के बाद शुक्रवार सुबह बचाव कार्य फिर से शुरू किया गया। बचाव कार्य को रात में कुछ देर के लिए रोक दिया गया था। एक युवती के शव को बाहर निकाला गया, जबकि दस अन्य को गोताखोरों ने बचाया। दो लोग अभी भी लापता हैं और उनकी मौत होने की आशंका है। नाव पर यात्रियों की सही संख्या अभी भी ज्ञात नहीं है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वरिष्ठ जिला अधिकारियों को दुर्घटनास्थल पर पहुंचने और बचाव कार्यों का जायजा लेने का निर्देश दिया। हालांकि रात में अंधेरे के कारण बचाव कार्य में समस्याओं का सामना करना पड़ा।
यह नाव कथित रूप से हरियाणा से बागपत की ओर आ रही थी और पीड़ितों की शिनाख्त होनी अभी बाकी है।
जिला अधिकारी शकुंतला गौतम ने कहा, “यह हादसा बागपत (कोतवाली) पुलिस स्टेशन के अंतर्गत आने वाले कुचा घाट के पास हुआ। हमने लगभग 17 साल की एक अज्ञात युवती का शव बरामद किया है, जिसे पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है।”
जबकि दो अन्य को घायल हालत में बचाया गया है, जिसमें 60 वर्षीय कृष्णा देवी भी शामिल हैं।
शकुंतला गौतम ने कहा, “उन्होंने हमें तीन नाम दिए हैं राजेश, जन्नत और मोनिका जो गायब हैं, लेकिन वह इस बात को लेकर सुनिश्चित नहीं हैं कि नाव पर कितने व्यक्ति थे। हमने सटीक आंकड़ा पाने के लिए नदी के दूसरी तरफ एक टीम भेजी है। ऐसी भी खबर है कि तैराकी जानने वाले लगभग पांच व्यक्तियों ने खुद को बचाया। लेकिन अभी तक कुछ भी स्पष्ट नहीं है।”
जिला मजिस्ट्रेट ने कहा कि बचाव कार्यों में एनडीआरएफ की एक टीम भी शामिल है। एंबुलेंस और मेडिकल टीमों को तैनात किया गया है।
2017 में यमुना में एक ऐसा ही हादसा हुआ था जिसमें करीब 55 लोगों को ले जा रही एक नाव पर सवार दो दर्जन से अधिक (ज्यादातर महिलाएं) लोग डूब गए थे।