पाकिस्तान में एक-तिहाई से अधिक बच्चे टीकाकरण से वंचित हैं। सरकार की तरफ से जारी एक रिपोर्ट में कहा गया है कि 2017-2018 में 12 से 13 महीनों के बच्चों में से केवल 66 प्रतिशत बच्चे ऐसे रहे, जिन्हें सभी बुनियादी टीके लग पाए और उनमें भी सिर्फ 51 प्रतिशत का उपयुक्त टीकाकरण हो पाया।
द एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने रविवार को एक रिपोर्ट में कहा है कि जनसांख्यिकी और स्वास्थ्य सर्वेक्षण 2017-18 के बेसिक टीकाकरण कवरेज में थोड़ा अंतर रहा, क्योंकि शहरी बच्चों को ग्रामीण बच्चों की तुलना में सभी बेसिक टीके मिलने की अधिक संभावनाएं रहीं।
शहरी क्षेत्रों के जहां 71 प्रतिशत इलाकों को कवर किया गया, वहीं ग्रामीण क्षेत्रों के केवल 63 प्रतिशत इलाकों में टीकाकरण हो पाया।
उपयुक्त आयु वर्ग के सभी बच्चों में भी यही पैटर्न देखने को मिला। शहरी क्षेत्रों में 56 प्रतिशत कवरेज और ग्रामीण क्षेत्रों में 49 प्रतिशत कवरेज देखा गया।
2017 में सबसे कम टीकाकरण कवरेज मात्र 45 प्रतिशत सिंध में देखने को मिला।
विस्तारित टीकाकरण कार्यक्रम (ईपीआई) के अधिकारियों ने हालांकि कहा कि वे टीकाकरण कवरेज को बढ़ाकर 80 प्रतिशत तक करने में सक्षम रहे हैं।
बाल रोग विभाग के प्रमुख प्रोफेसर जमाल रजा ने कहा, “निमोनिया के कारण होने वाली मौतों में से 99 प्रतिशत मौतें सिर्फ विकासशील देशों में होती हैं।”
उन्होंने कहा, “बांग्लादेश, भारत और इंडोनेशिया के साथ पाकिस्तान उन देशों में शामिल है, जहां निमोनिया से संबंधित मौतों की दर ऊंची है।”