कोरोना वायरस के संभावित प्रकोप से बचने के लिए पाकिस्तान में कराची के अधिकतर सरकारी और निजी अस्पताल तैयार नहीं हैं। यहां अस्पतालों में न तो कोरोना वायरस परीक्षण की पर्याप्त सुविधाएं हैं और न ही पर्याप्त संख्या में बिस्तर, वेंटिलेटर और प्रशिक्षित डॉक्टर हैं। द न्यूज इंटरनेशनल की रिपोर्ट के अनुसार, कराची के विभिन्न अस्पतालों के कराए गए एक सर्वेक्षण से पता चला है कि यहां आगा खान यूनिवर्सिटी अस्पताल (एकेयूएच) और डॉव यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंसेज (डीयूएचएस) के अलावा किसी भी अन्य सार्वजनिक या निजी अस्पतालों में कोरोना वायरस के परीक्षण और निदान की क्षमता नहीं है। इन दो अस्पतालों के अलावा भी कराची में कई अन्य बड़े अस्पताल मौजूद हैं, मगर वहां कोरोना के संक्रमण से ग्रस्त लोगों के इलाज की सुविधा नहीं है, जोकि इस बड़े सूबे के लिए एक चिंताजनक बात है।
अधिकारियों का कहना है कि कराची की प्रमुख सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधाओं को इस हद तक नजरअंदाज कर दिया गया है कि यहां के कई नामी व बड़े अस्पतालों के अधिकारियों को सिंध के मुख्यमंत्री द्वारा कोरोना वायरस से बचाव के लिए बनाए गए टास्कफोर्स में शामित तक नहीं किया गया है। उन्होंने बताया कि इन अस्पतालों में कोरोना के संक्रमण की जांच से लेकर मरीजों को आइसोलेशन (एकांतवास) में रखने और उन्हें इलाज मुहैया कराए जाने की सुविधा नहीं है।
यही नहीं, अधिकारियों का तो यहां तक कहना है कि अस्पतालों को एहतियात के तौर पर दिए जाने वाले उपकरण भी उपलब्ध नहीं कराए गए हैं। यहां के अस्पतालों में मास्क व संक्रमण की रोकथाम के लिए जरूरी अन्य उपकरणों का इंतजाम भी नहीं है।
उल्लेखनीय है कि पाकिस्तान में अभी तक कोरोना वायरस के 21 मामले सामने आ चुके हैं। इसके पड़ोसी देश चीन और ईरान में तो वायरस के कारण महामारी फैल चुकी है। कोरोना भारत में भी धीरे-धीरे पैर पसार रहा है। पाकिस्तान कोरोना से प्रभावित देशों के बीच स्थित है और अगर यहां संक्रमण फैला तो स्थिति काफी भयावह हो सकती है।