भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने इलाहाबाद बैंक, कॉर्पोरेशन बैंक और धनलक्ष्मी बैंक को प्रॉम्ट करेक्टिव एक्शन (पीसीए) फ्रेमवर्क से हटा दिया है, और इसके साथ ही इन बैंकों को ऋण देने संबंधित गतिविधियों की अनुमति मिल गई है। बोर्ड फॉर फाइनेंशियल सुपरविजन बीएफएस की मंगलवार को हुई बैठक में पीसीए के तहत रखे गए बैंकों के प्रदर्शन की समीक्षा की गई और बोर्ड ने कहा कि सरकार ने विभिन्न बैंकों में ताजा पूंजी डाली है, जिनमें कुछ ऐसे भी बैंक शामिल हैं, जो पीसीए फ्रेमवर्क के तहत हैं।
बैंकिंग सचिव राजीव कुमार ने ट्वीट किया, “पीएसबी में बदलाव का दौर जारी है! रणनीति के तहत इलाहाबाद और कॉर्पोरेशन बैंकों को पीसीए से बाहर निकाला गया है। दोनों बैंकों को स्वच्छ बैंकिंग के लिए बेहतर प्रदर्शन और बेहतर विवेकपूर्ण नियंत्रण बनाए रखने की जरूरत है।”
इलाहाबाद बैंक और कॉर्पोरेशन बैंक को पीसीए से बाहर निकले जाने के बारे में सबसे पहले खबर आईएएनएस ने ही 20 फरवरी को जारी की थी।
बीएफएस ने कहा कि इलाहाबाद बैंक और कॉर्पोरेशन बैंक को क्रमश: 6,896 करोड़ रुपये और 9,086 करोड़ रुपये प्राप्त हुए हैं। इससे इन बैंकों की पूंजी निधि बढ़ गई है और इनकी ऋण नुकसान प्रावधान भी बढ़ गए हैं, जिससे इनके पीसीए से निकलने का रास्ता साफ हो गया।
आरबीआई ने कहा कि दोनों बैंकों ने स्टॉक एक्सचेंज के समक्ष आवश्यक खुलासे भी किए हैं कि पूंजी डालने के बाद सीआरएआर, सीईटी1, नेट एनपीए और लीवरेज रेशियो पीसीए की सीमा का उल्लंघन नहीं करते हैं।