देश में सार्वजनिक क्षेत्र का सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने शुक्रवार को कहा कि वह एक जुलाई से ही आरटीजीएस और एनईएफटी लेन-देन पर शुल्क समाप्त कर चुका है। बैंक ने एक बयान में कहा कि एक अगस्त से वह आईएमपीएस (इमिडिएट पेमेंट सर्विस) पर भी शुल्क नहीं लेगा।
बयान के अनुसार, “डिजिटल लेन-देन को बढ़ावा देने के मकसद से देश का सबसे बड़े वाणिज्यिक बैंक भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने योनो (एसबीआई का एक इंटिग्रेटेड डिजिटल एंड लाइफस्टाइल प्लेटफॉर्म), इंटरनेट बैंकिंग और मोबाइल बैंकिंग के लिए आरटीजीएस (रियल टाइम ग्रॉस सेट्टलमेंट) और एनईएफटी (नेशनल इलेक्ट्रॉनिक्स फंड्स ट्रांसफर सिस्टम) शुल्क माफ कर दिया है।”
एसबीआई एक जुलाई से पहले एनईएफटी हस्तांतरण के लिए एक से पांच रुपये और आरटीजीएस हस्तांतरण के लिए 5-50 रुपये शुल्क लेता था।
भारतीय रिजर्व बैंक ने जुलाई से आरटीजीएस और एनईएफटी हस्तांतरण पर बैंकों पर शुल्क नहीं लगाने का फैसला किया और बैंकों से इसका लाभ ग्राहकों को हस्तांतरित करने को कहा।