उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज में चार दिवसीय तब्लीग जमात से लौटे प्रदेश के 157 लोगों के अपनी जांच न कराने पर सख्त नाराजगी जताई। उन्होंने सूचना छिपाने वालों पर कड़ी कार्रवाई करते हुए मुकदमा दर्ज करने का निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री बुधवार को अपने आवास पर कोरोना वायरस कोविड-19 पर नियंत्रण के लिए लागू लॉकडाउन व्यवस्था की समीक्षा कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि दिल्ली से लौटे जमातियों के बारे में जानकारी लेने के साथ ही सभी को निर्देश दिया कि अगर कोई भी इनके बारे में कोई सूचना नहीं देता है या फिर इनकी पहचान छुपाने का प्रयास करता है तो फिर उसके खिलाफ ही केस दर्ज करें।
उन्होंने कहा कि इस समय सरकार की प्राथमिकता दिल्ली में निजामुद्दीन मरकज की तब्लीगी जमात से लौटे 157 लोगों की खोज करने के साथ ही उनका सैंपल लेकर कोरोना वायरस का परीक्षण कराना है। इसके साथ ही इन सभी 157 लोगों को 14 दिन तक क्वारेंटाइन करें।
आदित्यनाथ ने कहा कि यह पता चला है कि मरकज से लौटे लोग कई विदेशियों के साथ दूसरे राज्यों से होकर उत्तर प्रदेश में आए हैं। इनके संपर्क में आने के कारण तेलंगाना में कोरोना वायरस पॉजिटिव के मामले सामने आए हैं। उन्होंने कहा कि जमात से वापस आए लोगों की युद्ध स्तर पर जांच हो, जिन लोगों ने तथ्यों को छिपाया उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए। जमात के जरिए जो लोग विदेश के हैं, उनके पासपोर्ट फिलहाल जब्त कर लिए जाएं और यह सुनिश्चित हो कि जमात के लोगों की गलतियों का खामियाजा आम लोगों को न भुगतना पड़े।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य कर्मचारियों के वेतन में कोई कटौती नहीं करेगी। उन्होंने कहा कि ऊर्जा विभाग सुनिश्चित करे कि लॉकडाउन की अवधि में उद्योगों से बिजली का फिक्स्ड चार्ज नहीं लिया जाए।
उन्होंने कहा कि लॉकडाउन की सफलता ही कोविड-19 का सफल उपचार है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार गरीबों को अप्रैल का नि:शुल्क अनाज उपलब्ध करा रही है। उन्होंने नोडल अधिकारियों को निर्देश दिए कि लॉकडाउन से प्रभावित नागरिकों को कोई समस्या न आने पाए। उनके भोजन व स्वास्थ्य परीक्षण की व्यवस्था की जाए और जरूरत के मुताबिक उपचार किया जाए।