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चीन में न्यू कोरोना वायरस वैक्सीन का तीसरा चरण परीक्षण संतोषजनक

चीनी टीका अनुसंधान दल हमेशा वायरस के उत्परिवर्तन पर बड़ा ध्यान देता है और देश की 30 से अधिक वैज्ञानिक अनुसंधान संस्थाओं से इस पर अध्ययन करने का आह्वान किया।

बीजिंग : चीनी विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सामाजिक विकास प्रौद्योगिकी विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी थेन पाओक्वो ने 20 अक्तूबर को कहा कि अभी तक साठ हजार लोग चीन के न्यू कोरोना वायरस वैक्सीन के तीसरे चरण नैदानिक परीक्षण में शामिल हुए हैं। और उनमें गंभीर प्रतिकूल प्रतिक्रियाओं की कोई रिपोर्ट नहीं मिली है। उन्होंने कहा कि अनुसंधान से साबित हुआ कि नए कोरोनावायरस के उत्परिवर्तन (म्यूटेशन) का टीका विकसित पर कोई वास्तविक प्रभाव नहीं पड़ता है।

थ्येन के मुताबिक चीनी टीका अनुसंधान दल हमेशा वायरस के उत्परिवर्तन पर बड़ा ध्यान देता है और देश की 30 से अधिक वैज्ञानिक अनुसंधान संस्थाओं से इस पर अध्ययन करने का आह्वान किया। अभी तक विश्व डेटा भंडार में करीब 1.5 लाख नए कोरोनावायरस के जीनोम अनुक्रमण मौजूद हैं, जो विश्व के 100 से अधिक देशों और क्षेत्रों में फैले हैं। 80 हजार से ज्यादा उच्च गुणवत्ता वाले वायरस के जीनोम अनुक्रमण का विश्लेषण करने के बाद पता चला है कि वायरस का उत्परिवर्तन स्पष्ट नहीं है, जो सामान्य दायरे के अंदर सीमित है। इसलिए इसका टीकों के विकसित पर बड़ा प्रभाव नहीं पड़ता है।

उधर, चीन के सायनोफार्म ग्रुप के बोर्ड अध्यक्ष ल्यू चींग चेन ने कहा कि इस ग्रुप के तहत पेइचिंग व वूहान दो अनुसंधानशालों द्वारा उत्पादित दो किस्म निष्क्रिय वैक्सीन का तीसरे चरण नैदानिक परीक्षण संयुक्त अरब अमीरात समेत दस देशों में किया जा रहा है। अब तक 50 हजार से अधिक लोगों को टीका लगाया जा चुका है और गंभीर प्रतिकूल प्रतिक्रियाओं की कोई रिपोर्ट नई आयी।

वहीं, पेइचिंग की एक जैव प्रौद्योगिकी कंपनी के प्रमुख काओ छ्यांग ने कहा कि कंपनी ने ब्राजील, इंडोनेशिया और तुर्की में अपने सहयोगियों के साथ अंतर्राष्ट्रीय मानक के मुताबिक प्रतिकूल प्रतिक्रिया निगरानी प्रणाली कायम की है। और अब तक गंभीर प्रतिकूल प्रतिक्रियाओं का मामला पता नहीं लगा है।

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