देश में अब ट्रेनों में भी हवाई जहाज की तरह ब्लैक बॉक्स का इस्तेमाल होगा। रेलवे के एक अधिकारी ने सोमवार को कहा कि जांचकर्ताओं के लिए दुर्घटनाओं का पता लगाना और चालक दल के कार्यो का आकलन करना सुगम बनाने के लिए जल्द ही ट्रेनों में वॉइस रिकॉर्डर या ब्लैक बॉक्स होगा। रेलयात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए भारतीय रेल ने लोको कैब वॉइस रिकॉर्डिग (एलसीवीआर) डिवाइस इंजन में लगाने का फैसला किया है। यह जानकारी रेल मंत्रालय के एक अधिकारी ने दी।
अधिकारी ने कहा कि यह सिस्टम विकास के क्रम में है।
इंजन में लगे वीडियो/वॉइस रिकॉर्ड रिस्टम से जांचकर्ताओं को महत्वपूर्ण आंकड़े प्राप्त होंगे, जोकि उनको हादसे के कारणों के लिए जिम्मेदार घटनाओं के तार जोड़ने में मदद करेंगे। साथ ही, इससे संचालन संबंधी समस्यओं और चालक दलों के निष्पादन समेत मानवीय कारकों के बारे में भी जानने में मदद मिलेगी।
फिलहाल, ब्लैकबॉक्स का इस्तेमाल वायुयान में ही होता है।
इसमें दो अलग-अलग उपकरण होते हैं। एक में उड़ान के आंकड़ों की रिकॉर्डिग होती है और दूसरे में कॉकपिट की ध्वनि। यह हवाई जहाज के पिछले हिस्से में होता है, जहां वे किसी दुर्घटना की स्थिति में सुरक्षित बचे रहते हैं।
रेलवे ने पिछले महीने सेंसर युक्त स्मार्ट कोच उतार है जिनमें बेयरिंग, ह्वील और रेल ट्रैक में गड़बड़ी का पता चल सकता है।
पहला स्मार्ट कोच का अनावरण 25 सितंबर को उत्तर प्रदेश के रायबरेली स्थित मॉडर्न कोच फैक्टरी में किया गया।
अधिकारी ने बताया कि स्मार्ट कोच में लगे ब्लैक बॉक्स में बहुआयामी संचार फलक है जो यात्रियों और कोच की दशाओं के बारे में वास्तविक समय पर जानकारी देता है।