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मास्क न लगाने वालों के कुछ बहाने

ज्यादातर उल्लंघनकारी पैसे न होने का बहाना बनाते हैं या भूल जाने का। कुछ लोग अपने पद का दिखावा भी करते हैं।

नई दिल्ली : “अरे सर, 1 मिनट के लिए मास्क उतारा था, पूरे दिन से मुंह पर मास्क पहना है। माफ कर दो चालान मत काटो।” राष्ट्रीय राजधानी में मास्क न पहनने पर 2000 रुपये का चालान काटे जाने पर इसी तरह के बहाने बनाए जा रहे हैं। इतना ही नहीं, कुछ लोग तो ऐसे-ऐसे बहाने बनाते हैं, जिन्हें सुनकर चालान काटने वाले अधिकारी भी हैरान हो जाते हैं। दिल्ली में मुंह पर मास्क न लगाने वालों से 500 रुपये की जगह अब 2000 रुपये वसूले जा रहे हैं। ऐसे में जब लोगों का चालान कटता है तो वे विभिन्न तरह के बहाने बनाने लगते हैं। पहला बहाना होता है- ‘सर भूल गए’, दूसरा बहाना- ‘सर, सुबह से लगाए हुआ था, इरिटेशन होने लगी थी, इसलिए हटा लिया।”

दिल्ली में विभिन्न जगहों पर दिल्ली पुलिस के साथ-साथ दिल्ली सिविल डिफेंस वॉलंटियर्स भी तैनात किए गए हैं जो भीड़-भाड़ वाली जगहों में लोगों को जागरूक करने के साथ-साथ नियमों का उल्लंघन करने वालों के भी चालान कट रहे हैं।

सरोजनी नगर मार्केट में तैनात इंफोर्समेंट इंस्पेक्टर संजीव कुमार यादव ने आईएएनएस को बताया, “जब लोग नियमों का उल्लंघन करते हैं तो हम उन्हें समझाते भी हैं। कुछ लोग थोड़ी देर बाद फिर वही करते हैं, जिनके लिए उन्हें समझाया गया था। हम जब चालान काटते हैं तो लोग बहाने बनाने लगते हैं। कुछ उल्लंघनकारी कहते हैं, “बहुत महंगा चालान है, मत कीजिए, मेरे पास पैसे नहीं है। माफ कर दिजिए।”

यादव ने कहा, “कुछ लोग हमारे ऊपर ही आरोप लगा देते हैं कि सारा पैसा ये खुद ही रख लेते हैं। कुछ लोग कहते हैं- हम लोग इतनी कमाई नहीं करते, जितने का आप चालान काट रहे हैं।” उन्होंने बताया कि अभी ज्यादा चालान नहीं काटे गए हैं, क्योंकि जब से चालान महंगा हुआ है, ज्यादातर लोग नियमों का पालन करने लगे हैं।

एक सिविल डिफेंस वॉलंटियर ने बताया गया, “कुछ लोग जान-बूझकर सड़कों पर खाना खाते हुए चलते हैं, ताकि मुंह पर मास्क न लगाना पड़े, उन लोगों को समझाया भी जाता है। उन लोगों की तरफ से कहा जाता है- खाना खा रहे हैं।”

उन्होंने कहा, “कुछ लोग हाथ में कोल्ड ड्रिंक की बोतल लेकर चलते हैं, जबकि कोल्ड ड्रिंक खत्म भी हो चुकी होती है। काफी देर तक हम उन्हें देखते हैं और फिर जब उनको टोका जाता है तो कहते हैं कि ‘कोल्ड ड्रिंक पी रहे हैं’।”

वॉलंटियर ने कहा, “कुछ माता-पिता बाजार में अपने बच्चों को भी लाते हैं, जो मुंह से मास्क हटा देते हैं। हम उनको काफी बार समझाते भी हैं, लेकिन फिर वही लापरवाही बरतने पर चालान काटते हैं। ऐसे में माता-पिता कहते हैं- ‘छोटा बच्चा है माफ करदो, गलती से मास्क नीचे कर लिया है’।”

यह जानकर हैरानी होगी कि कुछ लोग चालान कटने से बचने के लिए खुद को बीमार तक कर लेते हैं। लोग यह बहाना भी बनाते हैं कि “सर मुझे अस्थमा है। माफ कर दो।” वहीं कुछ कहते हैं, “मैं बीमार हूं, चक्कर आ रहे थे, इसलिए मास्क मुंह से नीचे कर लिया है।”

ज्यादातर उल्लंघनकारी पैसे न होने का बहाना बनाते हैं या भूल जाने का। कुछ लोग अपने पद का दिखावा भी करते हैं। कोई या तो वकील होने का दावा करता है या सरकारी अफसर होने का और पूरी कोशिश भी की जाती है कि चालान न कटे।

सिविल डिफेंस वॉलेंटयर्स ने बताया कि पुरुषों के मुकाबले महिलाएं ज्यादा बहाने बनाती हैं। ये कभी-कभी उल्टा हमारी ही शिकायत पुलिस से कर देती हैं कि “इन्होंने मेरी फोटो कैसे खींच ली।”

कुछ उल्लंघनकरियों द्वारा नगदी न होने का बहाना भी बनाया जाता है तो कुछ लोग ऑनलाइन जुर्माना भरने के लिए भी कहते हैं।

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