रामायण युग के महत्वपूर्ण तालाबों का कायाकल्प किया जाएगा
'जल धारा' परियोजना के तहत, रामायण युग के 108 जल निकायों में, विकास प्राधिकरण ने पांच महत्वपूर्ण तालाबों की पहचान की है।
अयोध्या : अयोध्या में रामायण युग से जुड़े पांच जल निकायों का कायाकल्प किया जाएगा। जल शक्ति मंत्रालय के एक बयान के अनुसार, पांच जल निकायों के कायाकल्प के लिए एक परियोजना लॉन्च की जाएगी। इसके अलावा सतत विकास के लिए दूसरी परियोजनाओं के भी लॉन्च किए जाने की संभावना है।
‘जल धारा’ परियोजना के तहत, रामायण युग के 108 जल निकायों में, विकास प्राधिकरण ने पांच महत्वपूर्ण तालाबों की पहचान की है। इनमें – लाल डिग्गी, फतेहगंज, स्वामी रामजी दास आश्रम तालाब, सीता राम मंडी कुंड और ब्रह्म कुंड शामिल हैं। ‘नमामि गंगे’ परियोजना के तहत पर्यावरण स्थिरता और पर्यटन क्षमता बढ़ाने के लिए इन तालाबों का कायाकल्प किया जाएगा।
‘अयोध्या कला परियोजना’ के तहत, एक नया पारिस्थितिकी तंत्र बनाया जाएगा जो रोजमर्रा की जिंदगी में कला को एकीकृत करेगा।
अयोध्या विकास प्राधिकरण (एडीए) के उपाध्यक्ष विशाल सिंह ने कहा, “ये परियोजना लोगों को अपने पर्यावरण और विरासत को संरक्षित करने के लिए प्रेरित करेगी। प्राकृतिक जल निकायों में बहने वाले अपशिष्ट जल, सीवेज वाटर और अपशिष्टों का शुद्धिकरण किया जाएगा।”
जल शक्ति मंत्रालय के बयान के अनुसार, फैजाबाद शहर में नालियों और सीवेज ट्रीटमेंट कार्यों के लिए एक अन्य महत्वपूर्ण परियोजना जल निगम द्वारा शुरू की जाएगी, जिस पर 221.66 करोड़ रुपये का खर्च आएगा।