अफगानिस्तान सरकार ने शुक्रवार को कंधार प्रांत में 20 अक्टूबर को होने वाले संसदीय चुनाव को एक हफ्ते के लिए स्थगित कर दिया। सरकार ने यह कदम तालिबान द्वारा कंधार प्रांत के पुलिस प्रमुख व खुफिया प्रमुख की हत्या के बाद उठाया है।
खामा प्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, राष्ट्रपति अशरफ गनी के एक प्रवक्ता ने घोषणा की कि राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद ने एक विशेष बैठक में यह निर्णय लिया है कि शनिवार को चुनाव नहीं कराए जाएंगे। ऐसा प्रांतीय नेताओं व राष्ट्रीय चुनाव आयोग की सिफारिश पर किया गया है।
कंधार शहर में गुरुवार को एक बैठक पर किए गए हमले का मकसद अफगान नेताओं व वरिष्ठ अमेरिकी सैन्य अधिकारी को निशाना बनाना था। इस हमले की जिम्मेदारी तालिबान ने ली है।
इस हमले में अमेरिकी शीर्ष सैन्य कमांडर जनरल आस्टिन स्कॉट मिलर बाल-बाल बच गए, लेकिन कंधार पुलिस के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल अब्दुल रजीर व प्रांतीय खुफिया प्रमुख अब्दुल मोमिन मारे गए।
कंधार प्रांत के गवर्नर जलमई वेसा गंभीर रूप से घायल होने की वजह से अस्पताल में भर्ती हैं।
तालिबान ने अफगानिस्तान में आगामी संसदीय चुनाव में बाधा डालने की बात कही है।
अफगानिस्तान संसद की 249 सीटों के लिए 2,500 से ज्यादा उम्मीदवार मैदान में हैं। इन उम्मीदवारों में से 10 उम्मीदवार और 100 से ज्यादा अन्य लोग चुनाव पूर्व हिंसा में मारे गए हैं।
आतंकवादी समूहों ने कहा है कि सड़कों को बंद कर वोटरों को मतदान स्थल पर पहुंचने से रोककर वे चुनाव में बाधा डालेंगे।
विद्रोहियों ने आरोप लगाया कि चुनाव का मकसद देश में विदेशी जवानों की मौजूदगी को वैध करना है। अफगानिस्तान में चुनाव शनिवार को कराए जाने हैं।
विद्रोहियों ने एक बयान में कहा, “इस्लामिक अमीरात के मुजाहिदीन (जैसा कि तालिबान खुद को बताते हैं) की मंशा चुनाव के दिन देश के सभी प्रमुख व छोटे मार्गो को बंद करने की है, जिससे कि सभी देशवासी अपने घर में रहें और परिवहन के किसी साधन से वोट देने बूथ तक नहीं पहुंच पाएं।”
विद्रोहियों ने इस पर भी जोर दिया कि सभी अफगानी ‘खास तौर से शहर में रहने वाले लोगों’ को शनिवार को वोट डालने से बचना चाहिए।
इस बयान में कहा गया, “चुनाव प्रक्रिया में भागीदारी बाहरी घुसपैठियों की सहायता और उनकी योजनाओं में मदद करना है।”
चुनाव आयोग के अनुसार, तालिबान के क्षेत्र में पड़ने वाले 7,834 मतदान केंद्रों में से 2,384 चुनाव के दिन बंद रहेंगे।